पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने एक बार फिर भारत को धमकी दी है और कश्मीर मुद्दे को लेकर अपने भड़काऊ बयान को दोहराया है। शनिवार (29 जून) को कराची स्थित पाकिस्तान नेवल एकेडमी में भाषण के दौरान मुनीर ने न सिर्फ कश्मीर को “पाकिस्तान की शिरा” बताया बल्कि आतंकवाद को भी “वैध संघर्ष” का नाम देकर दुनिया को चौंका दिया।
मुनीर ने कहा, “कश्मीर हमारी शिरा है, और हमेशा रहेगा। हम अपने कश्मीरी भाइयों के बलिदानों को नहीं भूल सकते।” उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों का हवाला देते हुए कश्मीर को भारत के कब्जे से मुक्त कराने की बात कही।
यह बयान ऐसे समय में आया है जब हाल ही में पहलगाम में पाकिस्तान-समर्थित आतंकियों ने एक भीषण हमला कर 25 से अधिक पर्यटकों की हत्या कर दी थी। इसके बाद भारत ने पाकिस्तान को करारा जवाब देते हुए सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया और ऑपरेशन सिंदूर चलाकर सीमा पार आतंकी ठिकानों को नष्ट किया।
मुनीर ने अपने भाषण में आतंकवाद को ‘वैध संघर्ष’ बताकर पाकिस्तान की आतंकवाद की नीति को एक और बार उजागर किया है। मुनीर ने कहा, “पाकिस्तान ने हमेशा क्षेत्रीय शांति को महत्व दिया है, लेकिन भारत की उकसावे वाली कार्रवाइयों का जवाब देना भी जरूरी है।” हालांकि पाकी सेना प्रमुख ने इन ‘उकसावों’ का कोई ठोस उदाहरण नहीं दिया।
मुनीर का बयान बलूचिस्तान, खैबर पख्तूनख्वा और POK में भारी विद्रोह और मानवाधिकार उल्लंघनों से जूझते पाकिस्तान को दुर्लक्षित करने के लक्ष्य से आता दीखता है। इन इलाकों में हजारों लोग लापता हैं और स्थानीय आबादी बुनियादी सुविधाओं से वंचित है। इसके बावजूद पाकिस्तान खुद को ‘क्षेत्रीय स्थिरता का वाहक’ बताता है।
भारत ने उरी सर्जिकल स्ट्राइक और बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद यह स्पष्ट कर दिया था कि अब वह पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद का जवाब सीधे और निर्णायक ढंग से देगा। पहलगाम हमले के बाद की जवाबी कार्रवाई में भारतीय सेना ने पाकिस्तानी एयरबेस, ड्रोन और मिसाइल लॉन्च साइट्स को भी निशाना बनाया।
पाकिस्तान की सेना और उसके प्रॉक्सी आतंकी संगठनों की नीति ‘हजार घावों से भारत को लहूलुहान करना’ अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उजागर हो चुकी है। भारत ने दुनिया को यह दिखा दिया है कि वह आतंक के खिलाफ लड़ाई में किसी भी हद तक जा सकता है।
जनरल असीम मुनीर का यह नया बयान न सिर्फ भारत के खिलाफ युद्ध की खुली चेतावनी है, बल्कि यह पाकिस्तान की आतंकवाद को वैध बताने वाली मानसिकता को भी उजागर करता है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि पाकिस्तान की सेना अब भी आतंकवाद को समर्थन देकर क्षेत्रीय शांति को खतरे में डाल रही है। भारत अब इस संघर्ष को अपनी नई नीति के तहत, “आतंक के हर जवाब को ताकत से देना है,” के रूप में देख रहा है।
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