तुर्की भूकंप: नागपुर के ज्योतिष ने 4 माह पूर्व की थी भविष्यवाणी!

मानव जीवन की तरह पृथ्वी का भी एक चक्र है, जिससे अलग-अलग समय पर पृथ्वी में परिवर्तन होते रहते हैं। भूकंपों का यह सिलसिला भी ऐसा ही है और भविष्य में भी ऐसा ही होता रहेगा।

तुर्की भूकंप: नागपुर के ज्योतिष ने 4 माह पूर्व की थी भविष्यवाणी!

Turkey Earthquake: Nagpur's astrologer predicted earthquake 4 months ago!

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सैकड़ों वर्षों से ग्रहों और स्थितियों का अध्ययन कर भविष्यवाणियां की जाती रही हैं। इनमें से कुछ भविष्यवाणी सच होती हैं और कभी-कभी नहीं भी। वास्तव में यह मुद्दा विचारणीय है। वर्तमान में इन भविष्यवाणियों के पीछे एक कारण यह है कि नागपुर के एक ज्योतिषी अमित विभूते ने चार महीने पहले भूमिगत हलचल के कारण एक बड़े भूकंप कीभविष्यवाणी की थी। तुर्की-सीरिया सीमा पर हाल के भूकंपों में हजारों लोगों की जान चली गई है।
​​अमित विभूते मूल रूप से नागपुर के रहने वाले हैं। अमित फिलहाल सॉफ्टवेयर सेक्टर से जुड़ी पढ़ाई कर अपना बिजनेस कर रहे हैं। लेकिन ज्योतिष में रुचि होने के कारण उन्होंने इसका अध्ययन करना शुरू किया। 2005 से पढ़ाई शुरू की। इससे वे अक्सर फेसबुक पर अपनी वॉल पर भविष्यवाणियां लगाकर खुद को अभिव्यक्त करते हैं।
हाल ही में अमित विभूते ने अक्टूबर 2022 में भारत के कुछ हिस्सों में भूकंप आने की आशंका जताई थी। इसमें उन्होंने संभावना जताई कि 26 अक्टूबर से 20 नवंबर और 2 फरवरी 2023 से 21 फरवरी 2023 के बीच धरती पर भूकंप जैसी घटनाएं होंगी। अमित द्वारा व्यक्त की गई यह संभावना काफी हद तक सही भी निकली।
इसके आधार पर उन्होंने अगले भाग में 4 नवंबर को तुर्की, इटली और ग्रीस के मानचित्र में 3 देशों की परिक्रमा करते हुए उसे या इसके आसपास के क्षेत्र में फरवरी 2023 में भूकंप आने की संभावना जताई। सोमवार (6 फरवरी, 2023) को तुर्की और सीरिया के सीमावर्ती क्षेत्रों में एक बड़ा भूकंप आया। इसलिए अब कहा जा रहा है कि अमित विभूते द्वारा व्यक्त की गई भूकंप की भविष्यवाणी सच हो गई है।
​​ऐसी भविष्यवाणियों का मकसद यह है कि अंतरराष्ट्रीय घटनाओं से लोगों को काफी नुकसान होता है। अमित विभूते का यह भी कहना है कि अगर मैं इसे रोक या कम कर सकता हूं, तो अध्ययन फायदेमंद होगा। यदि मेरी भविष्यवाणियाँ एक भी जीवन बचाती हैं या जीवन की हानि को रोकती हैं, तो ज्योतिष अध्ययन का मेरा उद्देश्य प्राप्त हो जाएगा। अमित विभूते कहते हैं कि मैं यह अध्ययन समाज कल्याण के उद्देश्य से करता आ रहा हूं।
मानव जीवन की तरह पृथ्वी का भी एक चक्र है, जिससे अलग-अलग समय पर पृथ्वी में परिवर्तन होते रहते हैं। भूकंपों का यह सिलसिला भी ऐसा ही है और भविष्य में भी ऐसा ही होता रहेगा।
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