अयोध्या में मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम का भव्य मंदिर बन रहा है। मंदिर का निर्माण तेजी से चल रहा है। मंदिर के निर्माण में राजस्थान के बंसी पहाड़पुर के पत्थरों का उपयोग किया जा रहा है। मंदिर के गर्भगृह का निर्माण दिसंबर 2023 में पूरा हो जाएगा और श्रद्धालु जनवरी में भगवान श्री राम के दर्शन कर सकेंगे।
कहा जाता है कि भगवान राम के मंदिर के निर्माण में बलराम की मूर्ति स्थापित की जाएगी। मूर्ति करीब 5 फीट ऊंची होगी। रामलला की मूर्ति बनाने की तैयारी शुरू हो गई है। देश के वरिष्ठ ख्यात चित्रकार विश्वनाथ कामत शालिग्राम शिला पर राम लला का चित्र बनाएंगे और उसके बाद राम लला की प्रतिमा बनाई जाएगी।
इससे पहले मंदिर निर्माण समिति की बैठक में कई मूर्तिकारों और चित्रकारों ने राम की मूर्ति के अलग-अलग चित्र भेंट किए थे। इसकी शक्ल देखने के बाद यह बात सामने आई है कि देश के मशहूर चित्रकार विश्वनाथ कामत को पत्थर पर चित्र बनाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है|
ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के मुताबिक देश के मशहूर पेंटर विश्वनाथ कामत अलग-अलग तस्वीरों को शामिल कर रामलला की मूर्ति का अंतिम रूप तैयार करेंगे| जब भगवान राम अपने गर्भगृह में बैठते हैं, तो भक्त उन्हें 35 फीट की दूरी से देख और पूजा कर सकते हैं। इसके लिए वैज्ञानिक तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा। फिलहाल वैज्ञानिक इस पर शोध कर रहे हैं।
भगवान श्रीराम के मंदिर का निर्माण तेजी से चल रहा है। राम की मूर्ति के लिए शालिग्राम शिला नेपाल से लाई गई है। उस चट्टान से एक मूर्ति बनेगी।
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