बहुप्रतीक्षित भगवान राम की मूर्ति की जीवन प्रत्याशा सिर्फ एक दिन रह गई है। इस मौके पर अयोध्या नगरी समेत देश के कई प्रमुख शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों को पूरी तरह से सजाया गया है| हर तरफ दिवाली का जश्न शुरू हो चुका है| आमंत्रित लोग अयोध्या में प्रवेश कर रहे हैं और अयोध्या में तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है| श्री राम की मूर्ति के लिए एक खास पोशाक तैयार की गई है| इस बीच, इस प्राणप्रतिष्ठा समारोह के लिए पूरे भारत से 15 जोड़ों को मेजबान के रूप में चुना गया है। महत्वपूर्ण बात यह है कि इन जोड़ों में दलित, आदिवासी, ओबीसी और अन्य जातियां शामिल हैं।
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने शनिवार को 14 नामों की सूची की घोषणा की। इसलिए किसी एक जोड़ी के नाम की घोषणा बाद में की जाएगी| मेजबान के रूप में, दंपति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, ट्रस्ट अध्यक्ष नृत्य गोपाल दास, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित अन्य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में राम मंदिर अभिषेक समारोह में अनुष्ठान करेंगे।
14 नामों की सूची में आरएसएस से जुड़े वनवासी कल्याण आश्रम के अध्यक्ष रामचंद्र खराड़ी भी शामिल हैं| आदिवासी समुदाय से आने वाले खराड़ी उदयपुर के रहने वाले हैं। तीनों मेजबान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकसभा क्षेत्र वाराणसी से हैं। इसमें काशी के डोम राजा अनिल चौधरी भी शामिल हैं। पीढ़ियों से वाराणसी के मणिकर्णिका और हरिश्चंद्र घाट पर ज्योति जलाने की जिम्मेदारी डोमों की रही है। वे प्रसिद्ध राजा कालू डोम की विरासत के उत्तराधिकारी होने का भी दावा करते हैं। वाराणसी से कैलाश यादव और कवींद्र प्रताप सिंह का भी चयन हुआ है|
महाराष्ट्र से दो को सम्मान मिला: असम के राम कुई जेमी, सरदार गुरु चरण सिंह गिल (जयपुर), कृष्ण मोहन (हरदोई, रविदासी समुदाय से), रमेश जैन (मुल्तानी), अदलरासन (तमिलनाडु), विट्ठलराव कांबले (मुंबई), महादेव राव गायकवाड़ (लातूर, घुमंतु समाज ट्रस्टी), लिंगराज वासवराज अप्पा (कर्नाटक में कलबुर्गी), दिलीप वाल्मिकी (लखनऊ) और अरुण चौधरी (हरियाणा में पलवल) को भी विशेष मेजबानी दी गई है।
कौन होगा मुख्य यजमान?: आरएसएस नेता और अवध विंग के सदस्य अनिल मिश्रा और पत्नी उषा को मुख्य यजमान बनाया गया है। यह जोड़ा अभिषेक समारोह से पहले की रस्मों से गुजरेगा। मिश्रा श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के 15 ट्रस्टियों में से एक हैं।
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