उत्तर प्रदेश के अयोध्या में श्री राम मंदिर का निर्माण कार्य लगातार चल रहा है। यहां सैकड़ों कारीगर और शिल्पकार दिन-रात मंदिर निर्माण के काम में जुटे हुए हैं। खबर है कि भगवान श्री रामलला के मूर्ति चयन की प्रक्रिया पूरी हो गई है। महाराष्ट्र के शिल्पकार की ओर से बनाए गए रामलला के चित्र पर मुहर लगाई गई है। कमल दल पर 51 इंच के रामलला की मूर्ति विराजमान होगी। रामलला के हाथ मे धनुष और तीर भी होंगे। अप्रैल से मूर्ति के निर्माण काम शुरू हो जाएगा। भगवान राम की मूर्ति निर्माण का निर्माण जाने-माने शिल्पकारों की देख-रेख में किया जाएगा।
बता दें कि शनिवार को रामनगरी में मूर्ति विशेषज्ञों का जमावड़ा हुआ। ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने इन मूर्तिकारों के साथ रामसेवकपुरम कार्यशाला में बैठक की। बैठक में विख्यात मूर्तिकार विश्वनाथ कामत, सुदर्शन साहू, विष्णु शर्मा, जयपुर के सत्यनारायण पांडेय, कर्नाटक के गणेश भट्ट व मनैया बी ने अपने-अपने चित्र ट्रस्ट के समक्ष प्रस्तुत किए। सभी ने कागज पर पेंसिल से रामलला की मूर्ति की डिजाइन (स्केच) बनाई थी। ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरि ने बताया कि प्रख्यात चित्रकार वासुदेव कामत का चित्र सबसे अच्छा लगा है। इसके लिए कर्नाटक के मैसूर से आई शिला पर सहमति बन गई है, लेकिन अभी चयन पर निर्णय नहीं लिया गया है।
महाराष्ट्र शिल्पकार वासुदेव कामत ने बताया कि भगवान श्री रामलला की खड़ी मूर्ति ही होगी. इसका फैसला अपने भरतीय शिल्प शैली व शिल्प विज्ञान का ध्यान रखते हुए किया गया है। मूर्ति बनाने के लिए अभी तक कुल 11 पत्थर अयोध्या आ चुके हैं जिसमें नेपाल सहित कर्नाटक व राजस्थान के पत्थर हैं। उन सब का शिल्पकार परीक्षण कर रहे हैं। बैठक में ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय, ट्रस्टी डॉ.अनिल मिश्र, महंत दिनेंद्र दास, विहिप के केंद्रीय मंत्री राजेंद्र सिंह पंकज, मंदिर निर्माण प्रभारी गोपालजी, शरद शर्मा सहित अन्य मौजूद रहे।
सिंहासन के निर्माण में बेहतरीन मार्बल पत्थर के इस्तेमाल किए जाएंगे. इसकी तलाश की जा रही है। ऐसी भी खबर है कि सिंहासन पर सोने-चांदी की भी परत को चढ़ाया जा सकता है। वहीं रामलला के मंदिर को तीन फ्लोर में बनाया जाएगा। हर फ्लोर पर तीन तरह के दरवाजे बनाए जाएंगे। इसके बाद परिक्रमा वाले रास्ते में तीन छोटे-छोटे दरवाजे बनाए जाएंगे। मंदिर के निर्माण में विशेष तरह की नक्काशी का काम हो रहा है।
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