बांग्लादेश में एक और साम्प्रदायिक हत्या? अंसार जवान की गोली लगने से मौत, सहकर्मी गिरफ्तार

बांग्लादेश में एक और साम्प्रदायिक हत्या? अंसार जवान की गोली लगने से मौत, सहकर्मी गिरफ्तार

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बांग्लादेश के मयमनसिंह ज़िले में सोमवार (29 दिसंबर) शाम एक गारमेंट फैक्ट्री के भीतर सुरक्षा ड्यूटी पर तैनात 40 वर्षीय अंसार सदस्य की गोली लगने से मौत हो गई। पुलिस का कहना है कि प्रारंभिक जांच में यह घटना सहकर्मी द्वारा की गई आकस्मिक फायरिंग प्रतीत होती है। हालांकि, मृतक के हिंदू समुदाय से होने के कारण सवाल भी उठाए जा रहे हैं। पुलिस ने इन दावों पर फिलहाल कोई पुष्टि नहीं की है और कहा है कि जांच सभी पहलुओं से की जा रही है।

घटना सुल्ताना स्वेटर्स लिमिटेड नामक गारमेंट फैक्ट्री में भालुका उपज़िला के मेहराबाड़ी क्षेत्र में हुई। मृतक कादिरपुर गांव का निवासी बजेंद्र बिस्वास (40) के रूप में पहचाना गया है, जो फैक्ट्री की सुरक्षा के लिए तैनात बांग्लादेश अंसार एवं विलेज डिफेंस पार्टी (Ansar-VDP) का सदस्य था।

पुलिस के अनुसार, आरोपी नोमान मिया (22) को गिरफ्तार कर लिया गया है, जो स्वयं भी अंसार सदस्य है। नोमान लुत्फुर रहमान का पुत्र है और सुनामगंज ज़िले के ताहेरपुर क्षेत्र के बलुतुरी बाज़ार का रहने वाला बताया गया है।

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, घटना के समय फैक्ट्री में करीब 20 अंसार कर्मी ड्यूटी पर थे। बजेंद्र बिस्वास और नोमान मिया परिसर के भीतर साथ बैठे हुए थे, तभी नोमान के पास मौजूद शॉटगन से अचानक गोली चल गई। गोली बजेंद्र के बाएं जांघ में लगी, जिससे अत्यधिक रक्तस्राव हुआ।

फैक्ट्री कर्मचारियों ने तुरंत बजेंद्र को भालुका उपज़िला हेल्थ कॉम्प्लेक्स पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। भालुका मॉडल थाना के प्रभारी अधिकारी ज़ाहिदुल इस्लाम ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि पुलिस मौके पर पहुंची, आरोपी को हिरासत में लिया गया और शव को पोस्टमार्टम के लिए मयमनसिंह मेडिकल कॉलेज अस्पताल की मोर्चरी भेजा गया है।

पुलिस का कहना है कि मामला दर्ज कर लिया गया है और यह जांच की जा रही है कि फायरिंग वास्तव में आकस्मिक थी या इसमें सांप्रदायिक हत्या का कारण शामिल है। अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि जांच निष्पक्ष रूप से की जाएगी और सभी साक्ष्यों की पड़ताल होगी। फिलहाल, साम्प्रदायिक हत्या के आरोपों की पुष्टि नहीं की गई है। गौरतलब है कि Ansar-VDP बांग्लादेश का एक वर्दीधारी सहायक बल है, जिसके जवान फैक्ट्रियों, बैंकों, चुनावों और संवेदनशील सरकारी प्रतिष्ठानों में सुरक्षा ड्यूटी पर तैनात रहते हैं और कई बार हथियारबंद भी होते हैं।

दरअसल बांग्लादेश में अल्पसंख्यांको, खासकर हिंदू अल्पसंख्यांको का जीवन ख़तरे में है। कहा जाता है की, बांग्लादेश की मुहम्मद यूनुस में चलाई जा रही अंतरिम सरकार जिहादी तत्वों की गतिविधियों पर सख्ती दिखाने से परहेज़ कर रही है, जिस कारण से इस्लामी चरमपंथियों के हौसले बुलंद हुए है। बीते दिनों मयमनसिंग की एक गारमेंट फैक्ट्री के एक हिंदू मजदुर को इस्लामी भीड़ ने बेरहमी से पीटपीटकर मार डाला था।

दौरान भालुका की घटना पर पुलिस ने प्रत्यक्षदर्शियों से सहयोग की अपील की है और कहा है कि जांच पूरी होने के बाद ही घटना की प्रकृति पर अंतिम निष्कर्ष निकाला जाएगा।

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