नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव नतीजे के बाद हुई हिंसा की लड़ाई अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है। सुप्रीम कोर्ट ने राजनीतिक हिंसा के कारण राज्य से एक लाख लोगों के पलायन वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने राज्य और केंद्र को नोटिस जारी किया है। मामले की सुनवाई 7 जून को होगी।
सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा कि पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हिंसा के कारण 1 लाख से ज़्यादा लोगों के पलायन किया है। याचिका में विस्थापित लोगों के पुनर्वास के लिए आयोग बनाने की भी मांग और मामले की जांच एसआईटी से कराने की मांग की गई है। इतना ही नहीं ऐसी घटनाओं से लोगों को सुरक्षा देने की भी मांग की गई थी। याचिका में मांग की गई है कि राज्य में प्रायोजित हिंसा को समाप्त करने के लिए राज्य सरकार को निर्देश देने की मांग की गई थी।
हिंसा का शिकार कुछ लोग और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट में अर्ज़ी दाखिल की थी। याचिका में कहा गया है कि हिंसा के कारण करीब 1 लाख लोगों को पलायन करना पड़ा. संपत्ति को नुकसान, महिलाओं के साथ यौन हिंसा हो रही है.
बता दें कि बंगाल में चुनाव नतीजे के बाद लगातार हिंसा हो रही थी। इस पर बीजेपी ने आरोप लगाया था कि यह हिंसा टीएमसी के कार्यकर्ताओं द्वारा की जा रही हैं। इन घटनाओं के बाद केंद्र सरकार भी कड़ा रुख अपनाते हुए केंद्रीय जांच दल भेजा था। वहीं राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने हिंसा वाले इलाकों का दौरा किया। उन्होंने असम राज्य का भी दौरा किया जहां बंगाल छोड़कर लोग रह हैं। बीजेपी नेता अमित मालवीय ने ट्वीट कर राज्य सरकार ने एसआईटी गठित करने की मांग की। इस मामले में पूर्व अधिकारियों ने राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपकर इसकी जांच सुप्रीम कोर्ट के जज से कराने की मांग की थी। बंगाल हिंसा पर ममता बनर्जी भी सफाई दी थी। उन्होंने कहा था कि जो फोटो मीडिया में आ रहे हैं वे पुराने हैं। उन्होंने हिंसा में मारे गए परिजनों को 2 लाख का देने का ऐलान किया था।