सहारनपुर लोकसभा सीट से कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने एक बड़ा बयान दिया है, जिसमें उन्होंने नवरात्रि के दौरान शराब की दुकानों को बंद करने की मांग की है। मसूद ने कहा कि यदि मांस की दुकानों को बंद करने की मांग उठती है, तो फिर शराब की दुकानों को भी बंद किया जाना चाहिए।
मसूद ने भाजपा सरकार पर तंज कसते हुए कहा, “अगर आप सात्विकता की बात कर रहे हैं, तो शराब की दुकानों को भी बंद कराओ। मीट की दुकानें बंद कराने की मांग होती है, लेकिन शराब पर कोई चर्चा नहीं होती। क्या शराब से सात्विकता खत्म नहीं होती?”
इसके अलावा, मसूद ने केंद्र सरकार द्वारा लाए जाने वाले वक्फ विधेयक पर भी तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि यह विधेयक पूरी तरह असंवैधानिक है और वह संसद में इसका विरोध करेंगे। उन्होंने कहा, “भाजपा सरकार संसद के इसी सत्र में वक्फ विधेयक लाने की तैयारी में है, लेकिन हम इसके खिलाफ मजबूती से खड़े रहेंगे।”
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मसूद ने सभी धर्मों के लोगों से मिलजुलकर त्योहार मनाने की अपील की। उन्होंने कहा, “नवरात्रि और ईद दोनों ही त्योहार खुशी और भाईचारे से मनाने के लिए होते हैं। हमें देश की संस्कृति और पहचान को बनाए रखना चाहिए। एक-दूसरे की खुशियों में शामिल होकर त्योहार मनाना ही हमारी परंपरा है।”
संभल के सीओ अनुज चौधरी के बयान पर मसूद ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “वह सीओ पागल आदमी है, उसे वर्दी उतारकर राजनीति में आना चाहिए। उसे यह भी ध्यान नहीं कि उसे धर्मनिरपेक्षता की शपथ दिलाई गई थी।”
मसूद के इस बयान के बाद अब यह देखना होगा कि भाजपा सरकार इस मांग पर क्या प्रतिक्रिया देती है। क्या नवरात्रि के दौरान शराब की दुकानें बंद करने पर भी चर्चा होगी, या केवल मांस की दुकानों को ही निशाना बनाया जाएगा?