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Sunday, November 24, 2024
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जम्मू-कश्मीर में मिला बड़ा खजाना, अब यूएसए और चीन को भी पछाड़ देगा भारत?

जम्मू-कश्मीर में 5.9 लाख टन लिथियम के भंडार की खोज की गई है।

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प्रसिद्ध कवि और गायक अमीर खुसरो ने जम्मू-कश्मीर के बारे में लिखा है कि अगर इस पृथ्वी पर कहीं स्वर्ग है तो इसी धरती पर है। आतंकियों ने हाल के दिनों में इस जमीन को काफी नुकसान पहुंचाया है, लेकिन भारतीय जवानों ने कई बार आतंकियों के मंसूबों को नाकाम किया है। इस बीच इस धरती को एक ऐसा खजाना मिल गया है जो भारत की तकदीर बदल सकता है। यह वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत की ताकत को बढ़ा सकता है। केंद्र सरकार ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर में 5.9 लाख टन लिथियम के भंडार की खोज की गई है, जो भारत के परिवहन कारोबार को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा। क्योंकि लिथियम एक अलौह धातु है जिसका इस्तेमाल इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरी में किया जाता है। इससे देश में ईवी उद्योग को बड़ा बढ़ावा मिलेगा।

भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के अनुसार, जम्मू और कश्मीर के सलाल-हिमाना क्षेत्र में लिथियम जमा की खोज की गई है। देश में कुल 51 ब्लॉक पाए गए हैं। इनमें से 5 ब्लॉक में लिथियम, सोना, पोटाश, मोलिब्डेनम के भंडार हैं। 2018 के बाद से इन ब्लॉकों का पता लगाया गया है। इसके अलावा 17 ब्लॉक में कोयले के भंडार हैं। लिथियम के कई फायदे हैं। लेकिन इसका इस्तेमाल ज्यादातर रिचार्जेबल बैटरी बनाने के लिए किया जाता है। गुरुवार को हुई 62वीं केंद्रीय भूवैज्ञानिक प्रोग्रामिंग बोर्ड (सीजीपीबी) की बैठक में 15 अन्य संसाधन भूवैज्ञानिक रिपोर्ट और 35 भूवैज्ञानिक ज्ञापन के साथ रिपोर्ट संबंधित राज्य सरकारों को सौंप दी गई है।

लिथियम, निकल और कोबाल्ट जैसे खनिजों का उपयोग मोबाइल फोन, सौर पैनल सहित इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में किया जाता है। हम इन खनिजों का आयात ऑस्ट्रेलिया और अर्जेंटीना से करते हैं। लेकिन अब भारत में लिथियम के भंडार की खोज से भारत इलेक्ट्रॉनिक और ऑटो उद्योगों में आत्मनिर्भर बन सकता है। देश में लिथियम के भंडार की खोज ने देश के इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग को काफी बढ़ावा दिया है। अमेरिका और चीन वर्तमान में इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग में अग्रणी देश हैं। भारत में वाहनों का बहुत बड़ा बाजार है। इसलिए भारत अब इलेक्ट्रिक वाहनों के क्षेत्र में अमेरिका और चीन के रैंक में शामिल हो जाएगा।

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