7 अक्टूबर 2023 को इजरायल पर हमास के हमले के दौरान अगवा किए गए बिपिन जोशी, जो नेपाल के रहने वाले और हिंदू समुदाय से हैं, अब भी हमास की कैद में हैं। वह दक्षिणी इजरायल के एक खेत में “लर्न एंड अर्न” कृषि अध्ययन कार्यक्रम के तहत काम कर रहे थे। जोशी वही एकमात्र हिंदू हैं जिन्हें हमास ने उस दिन बंधक बनाया था।
दो साल की अनिश्चितता के बाद, इजरायल और हमास के बीच गाजा शांति समझौते के पहले चरण पर सहमति बनने से जोशी के परिवार में नई उम्मीद जगी है। इस समझौते के तहत सीजफायर और बंधकों की रिहाई की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दबाव के बाद यह समझौता संभव हो पाया है।
सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, फिलहाल हमास के पास 47 बंधक हैं, जिनमें से कम से कम 20 लोगों के जिंदा होने की पुष्टि हुई है। 7 अक्टूबर 2023 को हुए हमले में हमास ने 250 से अधिक लोगों का अपहरण किया था, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे।
बिपिन जोशी उस समय खेत में काम कर रहे थे जब हमास के आतंकी वहां पहुंचे। द टाइम्स ऑफ इजरायल की रिपोर्ट के अनुसार, जब आतंकियों ने उन पर ग्रेनेड फेंका, तो बिपिन ने अपनी सूझबूझ से उसे दूर फेंक दिया — इस बहादुरी से कई इजरायली नागरिकों की जान बच गई। हालांकि, आतंकियों ने उनके 10 नेपाली साथियों की हत्या कर दी और बिपिन को अगवा कर लिया।
अपहरण से कुछ मिनट पहले बिपिन ने नेपाल में अपने चचेरे भाई को मैसेज भेजा था,“अगर मेरे साथ कुछ हो जाए, तो मेरे परिवार का ख्याल रखना। मजबूत बने रहो और हमेशा भविष्य की ओर देखो।” करीब दो साल की चुप्पी के बाद हाल ही में इजरायली सेना ने गाजा से एक वीडियो बरामद किया है, जिसमें बिपिन जोशी दिखाई दे रहे हैं। यह वीडियो संभवतः उनके अपहरण के कुछ हफ्तों बाद रिकॉर्ड किया गया था।
करीब 30 सेकंड लंबे वीडियो में बिपिन कैमरे की ओर देखते हुए कहते हैं,“मेरा नाम बिपिन जोशी है। मैं नेपाल से हूं। मेरी उम्र 23 साल है। मैं यहां ‘लर्न एंड अर्न’ प्रोग्राम के तहत आया हूं। मैं एक छात्र हूं।” वीडियो देखने के बाद बिपिन का परिवार भावुक हो उठा। उनके परिजनों ने कहा कि यह वीडियो “हमारे लिए एक नई उम्मीद और इस विश्वास का प्रतीक है कि वह अभी जिंदा हैं।” बिपिन जोशी के मामले ने गाजा संकट में फंसे गैर-इजरायली बंधकों की स्थिति को भी फिर से सुर्खियों में ला दिया है। नेपाल सरकार ने कहा है कि वह इजरायल के साथ संपर्क में है और बिपिन की रिहाई के लिए हर संभव कूटनीतिक प्रयास कर रही है।
इजरायल-हमास शांति समझौते के तहत यदि अगला चरण सफल रहता है, तो बिपिन जोशी जैसे विदेशी बंधकों की रिहाई की संभावनाएं बढ़ सकती हैं और शायद यह बहादुर नेपाली युवक, जो एकमात्र हिंदू बंधक हैं, जल्द अपने परिवार से मिल पाएंगे।
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