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Tuesday, May 20, 2025
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बाउचर ने की मार्करम की तारीफ, मार्श और पूरन के बाद दिखाया दम!

पिछले पांच में से चार मैचों में उन्होंने 53, 47, 58 और 66 रन बनाए हैं। वह मार्श के साथ सलामी बल्लेबाज की भूमिका निभा रहे हैं। 

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मुंबई इंडियंस के पूर्व कोच मार्क बाउचर का मानना है कि मिचेल मार्श और निकोलस पूरन के जल्दी आउट हो जाने से एडन मार्करम को अपना बेहतर खेल दिखाने का मौका मिला। इंडियन प्रीमियर लीग 2025 के 36वें मैच में लखनऊ सुपर जायंट्स के लिए मार्करम ने ओपनिंग में आते हुए 45 गेंदों पर 66 रनों की पारी खेली और करीबी मैच में अपनी टीम की जीत में अहम भूमिका अदा की।

बाउचर ने ईएसपीएनक्रिकइन्फो से बातचीत में कहा, “मानसिक रूप से देखा जाए तो जब वह (मार्करम) आईपीएल में आए तो उनके पास कोई बड़ा कॉन्ट्रैक्ट नहीं था। मार्श और पूरन जैसे खिलाड़ियों के साथ खेलते हुए शायद उन्हें लगा होगा कि उन्हें पीछे रहकर खेलना है। लेकिन जब मार्श निजी कारणों से टीम से बाहर हुए, तभी मार्करम ने खुद को सीनियर खिलाड़ी की तरह देखा और जिम्मेदारी उठाई। इस मैच में जब मार्श और पूरन जल्दी आउट हो गए, तब मार्करम ने सबसे अच्छा प्रदर्शन किया।”

एलएसजी ने उन्हें केवल 2 करोड़ रुपये में खरीदा और उन्होंने आईपीएल 2025 की शुरुआत धीमी की, लेकिन पिछले पांच में से चार मैचों में उन्होंने 53, 47, 58 और 66 रन बनाए हैं। वह मार्श के साथ सलामी बल्लेबाज की भूमिका निभा रहे हैं।

बाउचर कहते हैं, “एडन एक स्वाभाविक लीडर हैं और यही कारण है कि वे दक्षिण अफ्रीका की कप्तानी कर रहे हैं। जब ऐसा मौका आता है, तो वे खुद आगे आकर सोचते हैं – ‘अब मुझ पर भरोसा किया गया है, मुझे पूरी पारी खेलनी है और जब भी कोई समझदारी भरा जोखिम उठाना हो, तो वह मेरा काम है।’ ऐसे हालात में खिलाड़ी अक्सर अपना सर्वश्रेष्ठ देते हैं, और मार्करम के साथ भी यही हुआ।

मार्कराम ने 2019 में दक्षिण अफ्रीका के लिए टी20 इंटरनेशनल में ओपनर के रूप में डेब्यू किया था, लेकिन 2021 के बाद उन्हें तीसरे या चौथे नंबर पर भेजा जाने लगा। बाउचर के अनुसार, इस बदलाव से उनका खेल और बेहतर हुआ और वे इस फॉर्मेट में एक संपूर्ण खिलाड़ी बन गए।

बाउचर ने कहा, “जो खिलाड़ी हमेशा ओपनर रहा हो, उसे चौथे नंबर पर खेलने भेजना एक चुनौती थी। लेकिन वह युवा थे, सीखने की क्षमता थी और उन्होंने मिडिल ओवरों में स्पिन खेलने की कला सीखी। उन्होंने आधुनिक क्रिकेट के लिए जरूरी शॉट्स भी सीखे।

अब जब उनका करियर चरम पर है, तो वह फिर से ओपनिंग कर रहे हैं। उनके पास तकनीक है, आक्रामकता है, टेस्ट मैच खेलने का अनुभव है और अगर पारी मिडिल ओवर्स तक जाती है, तो वहां भी खेलने की क्षमता है। उन्होंने खुद को हर तरह के हालात में खेलने लायक बनाया है और एक बेहतर, संतुलित खिलाड़ी बन चुके हैं।
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