ब्रिटेन में बड़ी संख्या में पाकिस्तानी मूल के लोग रहते हैं और उन्होंने वहां मस्जिदें बना रखी हैं। ब्रिटेन अब इन मस्जिदों पर नजर रख रहा है। ब्रिटिश सरकार को जानकारी मिली है कि इन मस्जिदों से ब्रिटेन के खिलाफ नफरत की शिक्षा दी जा रही है। इसलिए ब्रिटिश सरकार ने 24 मस्जिदों की जांच करने का फैसला किया है। अगर मस्जिद का मौलवी इसमें दोषी पाया गया तो उसे 14 साल की सजा हो सकती है।
ब्रिटेन में 24 मस्जिदों पर नफरत फैलाने वाले भाषण का आरोप है। यह मस्जिदें लंदन, बर्मिंघम, लिवरपूल और मैनचेस्टर जैसे ब्रिटिश शहरों में स्थित हैं। इन मस्जिदों से गैर-मुसलमानों के खिलाफ फतवे जारी किये जाते थे। सबसे हैरानी की बात तो यह है कि सभी मस्जिदें पाकिस्तानी मूल के लोगों द्वारा चलाई जा रहीं हैं।
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पिछले साल गाजा में युद्ध के दौरान इन मस्जिदों से नफरत भरे भाषण की कई शिकायतें आ रही हैं। ब्रिटेन की कई मस्जिदों के मौलानाओं ने यहूदियों के खिलाफ जहर उगला था। मौलाना ने मुसलमानों को इजराइल को नष्ट करने, यहूदियों को मारने, अल्लाह के लिए युद्ध का आह्वान करने जैसे हिंसक संदेश दिए। ब्रिटिश सरकार ने इस मामले की जांच करने का फैसला किया है और अगर जांच में मौलाना दोषी पाए जाते हैं तो उन्हें 14 साल की सजा हो सकती है।
बता दें की, 2021 की यूके जनगणना के अनुसार, इंग्लैंड और वेल्स में 3.8 मिलियन मुस्लिम हैं, जो आबादी का लगभग 6.5 प्रतिशत है। यह आंकड़ा 2011 की जनगणना से भी ज्यादा है। उस समय 27 लाख लोग मुस्लिम थे। तब यह जनसंख्या का 4.9 प्रतिशत था। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से मुस्लिम आबादी तेजी से बढ़ी है।
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