ब्रिटेन का अत्याधुनिक एफ-35बी लाइटनिंग II लड़ाकू विमान पिछले करीब एक महीने से केरल के तिरुवनंतपुरम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर फंसा हुआ है। तकनीकी खराबी के कारण यह विमान 14 जून से उड़ान नहीं भर पाया है, लेकिन अब उम्मीद जताई जा रही है कि अगले सप्ताह तक इसे मरम्मत के बाद यूनाइटेड किंगडम वापस भेजा जा सकता है।
रिपोर्ट के अनुसार, नाम न बताने की शर्त पर एक भारतीय अधिकारी ने बताया कि ब्रिटिश इंजीनियरों की एक टीम फिलहाल विमान की तकनीकी खराबी को दूर करने में जुटी है। बताया गया है कि विमान की हाइड्रोलिक प्रणाली में गड़बड़ी पाई गई है, जिसकी मरम्मत के बाद अगले कुछ दिनों में विमान के फिर से उड़ान भरने की संभावना है।
14 जून को, यह एफ-35 बी लड़ाकू विमान केरल के समुद्री तट से करीब 100 नॉटिकल मील दूर HMS प्रिंस ऑफ़ वेल्स विमानवाहक पोत से उड़ान पर था। इस दौरान खराब मौसम और ईंधन की कमी के कारण विमान ने आपातकालीन सिग्नल स्क्वॉक 7700 भेजा और तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट पर लैंडिंग की अनुमति मांगी। उसे तत्काल लैंडिंग की अनुमति दी गई।
शुरुआत में माना गया कि ईंधन की कमी के कारण आपात लैंडिंग हुई, लेकिन बाद में जांच में हाइड्रोलिक सिस्टम की खराबी सामने आई। लड़ाकू विमानों में यह प्रणाली बेहद महत्वपूर्ण होती है क्योंकि यह लैंडिंग गियर, ब्रेकिंग सिस्टम और उड़ान नियंत्रण जैसे अहम हिस्सों को संचालित करती है।
ब्रिटेन की रॉयल नेवी के तकनीकी विशेषज्ञों ने बीते कुछ हफ्तों में कई बार तकनीकी खराबी को ठीक करने की कोशिश की, लेकिन अब तक सफलता नहीं मिल सकी। विमान में मौजूद जटिल हाइड्रोलिक प्रणाली के कारण मरम्मत में समय लग रहा है। अब उम्मीद की जा रही है कि आगामी सप्ताह में मरम्मत पूरी कर विमान को यूनाइटेड किंगडम वापस भेजा जाएगा। यह दुर्लभ घटना भारत के नागरिक और रक्षा एविएशन प्रणाली के लिए भी एक चुनौतीपूर्ण क्षण रही है, जिसमें एयर ट्रैफिक कंट्रोल और ग्राउंड स्टाफ की तत्परता सराहनीय रही।
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