देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी को शुक्रवार को पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। अमरता के नारों के साथ 17 तोपों की सलामी की गूंज के बीच भारत माता के सपूत बिपिन रावत और उनकी पत्नी पंचतत्व में विलीन हो गए। बिपिन रावत की दोनों बेटियों ने उन्हें मुखाग्नि दी। इस दौरान कई देशों के सैन्य अध्यक्ष, सैनिक परिवार के सदस्य ,राजनीतिक हस्तियां और कई देशों के राजनयिक भी मौके पर मौजूद थे। वहीं, कई देशों ने बिपिन रावत के मौत पर गहरा दुःख जताया और उन्हें अपना गहरा मित्र बताया।
इससे पहले वंदे मातरम और भारत माता की जय के नारों के बीच जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका का पार्थिव शरीर तोपों की गाड़ी में सवार होकर बराड़ स्क्वायर श्मशान घाट पहुंच गया है। जहां उन दोनों का अंतिम संस्कार शाम करीब 4:45 हुआ। बताया जाता है कि बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका का शव एक साथ रखा गया।
फ्रांस के राजदूत इमैनुएल लेनिन ने जनरल बिपिन रावत के निधन पर शोक व्यक्त किया। ब्रिटिश उच्चायुक्त एलेक्स एलिस ने कहा कि “यह अविश्वसनीय रूप से दुखद है। जनरल रावत एक अग्रणी थे क्योंकि उन्होंने संयुक्त रक्षा दृष्टिकोण शुरू किया था, जिसका हम यूके में पालन करते हैं। उन्होंने कहा कि भारत के लिए एक महान नेता, एक सैनिक और एक अच्छे इंसान को खोना बहुत दुखद है। भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने अंतिम दर्शन देने के लिए जनरल रावत के आधिकारिक आवास पर पहुंचे थे।
बिपिन रावत को केंद्रीय मंत्री एस जयशंकर, निर्मला सीतारमण, मनसुख मंडाविया, स्मृति ईरानी और सर्बानंद सोनोवाल ने श्रद्धांजलि दी। बता दें कि तमिलनाडु में कुन्नूर में बिपिन रावत का हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था ,जिसमें उनकी पत्नी मधुलिका सहित 13 लोगों की मौत हो गई थी। बिपिन रावत एक कार्यक्रम में शामिल होने जा रहे थे।
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