अंतरिक्ष में इतिहास रचते हुए भारत ने चंद्रयान-3 की सफल लांचिंग की। दो बजकर 35 मिनट पर लांच हुए LVM -3 राकेट ने मात्र 16 मिनट में ही पृथ्वी की कक्षा में स्थापित हो गया है। अभियान पर पूरे देश की नजर लगी हुई थी। फिलहाल चंद्रयान -3 40 दिन के सफर निकल चुका है। इसरो वैज्ञानिकों का कहना है कि हमारी कोशिश होगी कि विक्रम लैंडर की चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग हो जाए। बता दें कि पिछले चंद्रयान -2 में सॉफ्ट लैंडिंग में ही परेशानी आई थी। हालांकि बताया जा रहा है कि उसका आर्बिट आज भी काम कर रहा है।
अगर विक्रम लैंडर चांद के तल पर सफलतापूर्वक लैंड कर जाता है तो भारत ऐसा करने वाला चौथा देश बन जायेगा। इससे पहले ऐसा करने वाले देशों में अमेरिका, चीन और रूस शामिल हैं। बताया जा रहा है कि अगस्त के आखिरी सप्ताह में चंद्रयान-3 की लैंडिंग होगी। कहा जा सकता है कि अगर चंद्रयान -3 अगस्त में सफलतापूर्वक चांद पर उतर जाता है तो देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस के बाद एक तोहफा होगा। बताया जा रहा है कि भारत का मून क्राफ्ट विक्रम चन्द्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरेगा।
गौरतलब है कि भारत ने चंद्रयान मिशन की शुरुआत 2008 में की थी. इससे पहले भारत ने चंद्रयान दो का 2019 में लॉन्चिंग की थी सबकुछ ठीक ठाक था, लेकिन लैंडर की लैंडिंग से पहले ही संपर्क टूट गया था। हालांकि इस बार इसरो ने पिछली गलतियों से सबक लेते हुए कई अहम् बदलाव किये हैं।
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