वैक्सीन नीति बदलो वरना जायेंगे सुप्रीम कोर्ट,राजस्थान सरकार ने केंद्र से की ये मांग

वैक्सीन नीति बदलो वरना जायेंगे सुप्रीम कोर्ट,राजस्थान सरकार ने केंद्र से की ये मांग

जयपुर। राजस्थान सरकार कोरोना वैक्सीन को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने पर विचार कर रही है। राजस्थान सरकार ने केंद्र सरकार से वैक्सीन की एक समान वितरण और कीमत को लेकर नई नीति बनाने की मांग कर रही है। इससे पहले पश्चिम बंगाल सरकार ने भी ऐसी ही मांग करते हुए कोर्ट का दरवाजा खटखटा चुकी है।

बता दें कि राजस्थान में टीकाकरण की रफ़्तार काफी धीमी है। राज्य सरकार वैक्सीन की किल्लत को कम करने के लिए ग्लोबल टेंडर निकालने पर विचार कर रही है, हालांकि राज्य सरकार का कहना है कि  वैक्सीन का खर्च उठाएगी लेकिन निविदाएं केंद्र सरकार द्वारा ही निकली जनि चाहिए। राजस्थान में टीकाकरण अभियान से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कोविड-19 की दूसरी लहर ने राजस्थान ही नहीं देश के कई राज्यों ने टीके की कमी को करने के लिए ग्लोबल टेंडर पर विचार करने के लिए मजबूर कर दिया है। अधिकारी ने कहा कि राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से टीकों के लिए वैश्विक निविदाएं जारी करने का आग्रह किया है।

अधिकारी का कहना है कि राज्य खर्च वहन कर सकता है ,लेकिन निविदा भारत सरकार द्वारा ही जारी की जानी चाहिए। केंद्र सरकार एक समान कीमत के लिए बातचीत कर सकती है और विक्रेताओं की साख और विश्वसनीयता की जांच भी करें।अधिकारी ने कहा कि ग्लोबल टेंडर में शामिल होने वाले विक्रेता, सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा वर्तमान में खरीदे गए टीके की कीमत से दोगुने से भी अधिक की बोली लगा रहा है।

बता दें कि पश्चिम बंगाल सरकार ने कोरोना टीके के मूल्य निर्धारण और वितरण के लिए एक समान नीति की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। मालूम हो कि 8 करोड़ की आबादी वाले राजस्थान में अभी तक केवल 1.26 करोड़ लोगों को  वैक्सीन की पहली खुराक और 31.2 लाख लोगों को दूसरी खुराक दी गई है। राज्य में वैक्सीनेशन के लिए वैक्सीन की भारी किल्लत है।अब राज्य सरकार टीकाकरण में तेजी लाने के लिए 1 करोड़ वैक्सीन की खुराक खरीदी के लिए ग्लोबल टेंडर निकाला है। हालांकि टेंडर अभी प्रोसेस में है।

Exit mobile version