नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने के बाद वहां की फिजाओं में एक खुलापन देखने को मिल रहा है। भले वहां के नेता अपने स्वार्थ के लिए जो भी कहें ,लेकिन जम्मू-कश्मीर की सरकार लगातार जनता की भलाई के लिए बड़े कदम उठा रही है। हाल ही में जम्मू-कश्मीर की सरकार ने बाहरी पुरुषों द्वारा यहां की महिला से शादी करने पर यहां की नागरिता देने का फैसला लिया था, अब सरकार ने एक और बड़ा कदम उठाया है। जम्मू -सरकार ने 75 स्कूलों और 75 सड़कों का नाम पुलिस, सेना और सीआरपीएफ के गुमनाम नायकों और शहीदों के नाम पर रखने का फैसला किया है। रिपोर्ट के अनुसार कश्मीर के मुख्य सचिव डॉ.अरुण कुमार मेहता ने यह घोषणा की।
भारत की आजादी के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में चल रहे आजादी का अमृत महोत्सव की समीक्षा के लिए कैबिनेट सचिव राजीव गौबा की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय बैठक में यह खुलासा हुआ। जम्मू-कश्मीर सरकार द्वारा नियोजित पहलों पर बैठक को अवगत कराते हुए, मेहता ने कहा कि सम्मान के रूप में, 75 सड़कों और 75 स्कूलों का नाम बदलकर जम्मू-कश्मीर में स्थानीय अनसंग नायकों के नाम पर रखा जाएगा।
इस पहल के हिस्से के रूप में, केंद्र शासित प्रदेश ने कश्मीरी और डोगरी भाषाओं में एक क्षेत्रीय ‘राज्य गीत’ भी प्रस्तुत किया है जो जम्मू-कश्मीर के योगदान और आकांक्षाओं को दर्शाता है।बता दें कि 5 अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा दिए जाने वाले अनुच्छेद 370 को मोदी सरकार ने रद्द कर दिया था। साथ ही जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश में बांट दिया गया था, जिसके बाद से लगातार जम्मू-कश्मीर में केंद्र की मोदी सरकार विकास के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।