नहीं हुआ सिग्नल और इंटरलॉकिंग का काम: सीबीआई ने आरोप लगाया है कि पटरी पर बिना मंजूरी हो रहे मरम्मत कार्य की वजह से ट्रेन हादसा हुआ था। बाहानगा बाजार स्टेशन के पास लेवल क्रॉसिंग गेट नंबर 94 की मरम्मत महंता ने एलसी गेट नंबर 79 के सर्किट आरेख का इस्तेमाल कर किया था। लेवल क्रॉसिंग गेट नंबर 94 के संचालन को 110 वोल्ट एसी से 24 वोल्ड डीसी में बदलने के लिए उत्तरी गुमटी (हट) में किए जा रहे वायरिंग के काम में एलसी गेट नंबर 79 के विशिष्ट सर्किट आरेख का इस्तेमाल किया गया। महंता को यह सुनिश्चित करना था कि मौजूदा सिग्नल और इंटरलॉकिंग इंस्टॉलेशन का परीक्षण, ओवरहालिंग और बदलाव स्वीकृत योजना और निर्देशों के अनुसार हो, लेकिन उसने ऐसा नहीं किया।
सीआरएस की रिपोर्ट हादसे की वजह: हादसे की जांच सीबीआई के अलावा रेलवे बोर्ड की ओर से रेलवे सुरक्षा आयोग (सीआरएस) ने भी की है। तीन जुलाई को सीआरएस ने 40 पेज की रिपोर्ट बोर्ड को सौंपी थी। रेलवे की ओर से कराई गई उच्चस्तरीय जांच में भी ‘गड़बड़ सिग्नल’ ही हादसे का प्रमुख कारण पाया गया था। यह भी सामने आया था कि कई स्तरों पर भारी चूक के कारण इतने लोगों की जान गई थी।
मरम्मत के दौरान गड़बड़ी: रिपोर्ट के मुताबिक, लेवल-क्रॉसिंग लोकेशन बॉक्स के अंदर सारे तार गलत जुड़े थे। इससे मरम्मत कार्य के दौरान गड़बड़ी हुई, जिसके चलते गलत फंक्शन इंडिकेट हो रहे थे। इसके बारे में सालों तक पता नहीं चल सका। हादसे के लिए सिग्नलिंग विभाग को मुख्य रूप से जिम्मेदार माना जा रहा है। रिपोर्ट में स्टेशन मास्टर का नाम भी है, जो सिग्नलिंग कंट्रोल सिस्टम में गड़बड़ी का पता नहीं लगा पाए। बालासोर में एक अन्य जगह भी लोकेशन बॉक्स के डायग्राम का इस्तेमाल बहनागा बाजार के लोकेशन बॉक्स के लिए हुआ था। ये एक गलत कदम था, जिसके चलते गलत वायरिंग हुई।
मशहूर लावणी नृत्यांगना गौतमी पाटिल के पिता मिले लावारिस और गंभीर अवस्था!