छत्तीसगढ़ के सरगुजा व बिलासपुर संभाग की सीमा पर हाथियों ने जमकर उत्पात मचाया है। हाथियों ने एक गर्भवती सहित दो महिलाओं को पैरों से कुचलकर मार डाला। रात को हाथियों के गांव में दस्तक के बाद लोग घर छोड़कर भागे और अपनी जान बचाई। हाथियों का झुंड सरगुजा सीमा से लगे इलाकों में कई दिनों से डेरा डाले हुए है। वन विभाग ने ग्रामीणों को हाथियों के नजदीक नहीं जाने अलर्ट जारी किया गया है।
मिली जानकारी के मुताबिक रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ क्षेत्र के चिखलापानी निवासी इंजोरी बाई रोज की तरह बुधवार रात खाना खाने के बाद परिजनों के साथ सो रही थी। रात करीब 11 बजे के आसपास आधा दर्जन हाथियों का दल गांव में घुस आया। हाथी घरों को तोड़ने लगे।
हाथियों की दस्तक से लोग सहम गए। जान बचाने सुखराम का परिवार घर में ही छिपा हुआ था, लेकिन हाथियों के हिंसक रूप को देख सभी बाहर की ओर भागे। इसी बीच इंजोरी बाई को एक हाथी ने सूंड से उठाकर पटक दिया और पैरों से कुचल दिया। हाथियों का दल दोपहर 12 बजे तक घटना स्थल के आसपास डेरा जमाए हुए था। वन विभाग के कर्मचारी गांव के आसपास ही मौजूद है।
हाथियों ने छत्तासरई गांव में भी एक महिला को कुचल दिया। बुधनाराम की पत्नी सबीना बाई (36) को हाथियों ने पैरों से कुचल दिया। सबीना बाई गर्भवती थी। रात करीब एक से दो बजे के बीच हाथी छत्तासरई गांव पहुंचे। ग्रामीण घर में सो रहे थे, तभी हाथियों ने हमला कर दिया।
दल के एक हाथी ने सबीना बाई को सूंड से उठाकर पटका और पैरों से कुचल दिया। हाथी घरों में रखे अनाज को भी खा गए। हाथियों का दल पिछले कई दिनों से सरगुजा वन मंडल में उत्पात मचा रहा है। हाथियों की निगरानी में वन कर्मचारी लगे हुए हैं। वन विभाग ने ग्रामीणों को हाथियों के करीब नहीं जाने अलर्ट जारी किया है।
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