यह आयोजन 21 अक्टूबर को मनाए जाने वाले पुलिस स्मृति दिवस के बाद चल रहे स्मृति सप्ताह का हिस्सा था, जिसमें केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) द्वारा विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा 21 अक्टूबर को एनपीएम पर पुष्प अर्पित करने के बाद सीआईएसएफ का यह समारोह शहीदों की स्मृति को और मजबूत करने वाला साबित हुआ।
समारोह की शुरुआत सुबह हुई, जब एडीजी (एपीएस) बिनीता ठाकुर ने वरिष्ठ सीआईएसएफ अधिकारियों और कर्मियों के साथ केंद्रीय मूर्ति पर पुष्पांजलि अर्पित की। शहीदों के परिवारों ने शौर्य दीवार का दौरा किया, जहां स्वतंत्रता के बाद शहीद हुए 36,684 पुलिसकर्मियों के नाम अंकित हैं। इसके बाद पुलिस संग्रहालय में शहीदों की वीरता पर आधारित विशेष सीआईएसएफ डॉक्यूमेंट्री प्रदर्शित किया गया, जो उनकी कहानियों को जीवंत करता है।
इसमें पांच शहीदों के परिवारों, हेड कांस्टेबल/जीडी बी. बी. मांझी (ओडिशा), सीटी कांस्टेबल/जीडी पोटुपुरेड्डी अप्पन्ना (आंध्र प्रदेश), एएसआई/एक्सई राजेंद्र प्रसाद (राजस्थान), हेड कांस्टेबल/जीडी अखिलेश्वर पी. यादव (बिहार), हेड कांस्टेबल/जीडी एस. डी. पाटिल (महाराष्ट्र), को विशेष रूप से आमंत्रित किया गया।
दोपहर में सीआईएएफ मुख्यालय में महानिदेशक प्रवीर रंजन ने स्मृति समारोह की अध्यक्षता की। उन्होंने कहा, “हमारे शहीदों का बलिदान राष्ट्र की सुरक्षा की नींव है। सीआईएसएफ कर्तव्य और बलिदान के प्रति अटूट प्रतिबद्ध रहेंगे।”
दिल्ली-एनसीआर की सीआईएसएफ इकाइयों के वरिष्ठ अधिकारी, कार्मिक और लगभग 200 परिवार सदस्यों ने भाग लिया। स्मृति सप्ताह के अन्य कार्यक्रमों में मोटरसाइकिल रैली, रन फॉर मार्टर्स, रक्तदान शिविर और बच्चों के लिए निबंध-पेंटिंग प्रतियोगिताएं शामिल हैं, जो शहीदों की सेवाओं को उजागर करती हैं।
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