भारत ने चीन की सीमा के करीब असम में सुखोई-30 लड़ाकू विमान का जमकर अभ्यास किया|इस अभ्यास से भारत-चीन सीमा पर भारत के हौसले बुलंद हैं| सुखोई-30 लड़ाकू विमान का रिहर्सल महिला पायलटों ने किया|फ्लाइट लेफ्टिनेंट तेजस्वी और श्रेय वायपेयी समेत 5 पायलटों ने लड़ाकू विमान से अपनी हुंकार भरी| वही,तेजस्वी ने असम के तेजपुर से फॉर्वर्ड एयर बेस से अपनी उड़ान भरी|
तेजस्वी भारत की एक इकलौती महिला पायलट हैं, जो सुखोई-30 लड़ाकू विमान की हथियार सिस्टम को संचालित कर सकती हैं| लड़ाकू विमान की उड़ान भरने के बाद तेजस्वी ने कहा कि पूर्वी क्षेत्र में हमारे जिगरबाज पायलट दुश्मन के किसी भी नापाक मंसूबे का मुंहतोड़ जबाव देने को तैयार हैं| वही, एयरफोर्स में इससे पहले भी जांबाज महिलाओं ने अपने अदम्य साहस का परिचय दिया है|
लेफ्टिनेंट साक्षी बाजपेयी ने कहा कि युद्ध के दौरान उड़ान अनुभव एकदम अलग होता है| वही बाजपेयी ने कहा की भारतीय वायुसेना अपनी सीमा की सुरक्षा और चुनौतियों का सामना अच्छी तरह से जानती है| हमें ट्रेनिंग पीरियड में सीख दी जाती है| बता दें कि सुखोई -30 लड़ाकू विमानों को भारत-चीन सीमा के पास तेजपुर में लगाया गया है| चीन और भारत के बीच बढ़ते विवाद के मद्देनजर इन विमानों को अत्याधुनिक हथियारों से सुसज्जित किया गया है|
सुखोई-30 भारतीय एयरफोर्स का सबसे अहम लड़ाकू विमान है| यह लड़ाकू विमान रूस के सैन्य विमान निर्माता सुखोई और भारत के हिन्दुस्तान ऐरोनॉटिक्स लिमिटेड की सहयोग से निर्माण किया गया है| इस लड़ाकू विमान का वजन 17,700 किलोग्राम, लंबाई 21.935 मीटर है और इसकी रफ्तार 2120 किलोमीटर प्रति घंटा की है| गौरतलब है कि चीन की विस्तारवादी के नीति और सीमा विवाद के कारण भारत अपनी एक इंच जमीन की रक्षा के लिए कटिबद्ध है| यही कारण भारत ने चीन की सीमा के नजदीक सुखोई -30 लड़ाकू विमान की तैनाती की है|