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महाराष्ट्र सत्ता संघर्ष पर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई पांच सप्ताह तक बढ़ी !

सत्ता संघर्ष को लेकर सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की संविधान पीठ के समक्ष लंबित याचिकाओं पर सुनवाई एक नवंबर तय की गई थी| उसके बाद 29 नवंबर को निर्धारित समय पर सुनवाई नहीं हो सकी|

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मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे गुटों के बीच महाराष्ट्र सत्ता संघर्ष पर सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ के समक्ष सुनवाई पांच सप्ताह के लिए और बढ़ा दी गई है। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश धनंजय चंद्रचूड़ ने बताया कि इस मामले में निर्देश देने के लिए नए साल में 13 जनवरी को सुनवाई होगी|
महाराष्ट्र में जून में हुए सत्ता संघर्ष को लेकर सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की संविधान पीठ के समक्ष लंबित याचिकाओं पर सुनवाई एक नवंबर तय की गई थी| उसके बाद 29 नवंबर को निर्धारित समय पर सुनवाई नहीं हो सकी|मंगलवार को हुई सुनवाई के दौरान ठाकरे गुट की ओर से बहस करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता देवदत्त कामत ने सुनवाई जल्द कराने का अनुरोध किया|
​चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने बताया कि चूंकि सुप्रीम कोर्ट को अगले हफ्ते कई काम निपटाने हैं, चूंकि संविधान पीठ के पांच जजों का एक साथ बैठना संभव नहीं है, इसलिए यह सुनवाई 13 जनवरी को होगी|

महाराष्ट्र में सत्ता संघर्ष का मामला जून के आखिर से सुप्रीम कोर्ट में लंबित है| सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश एन. वी रिटायर होने से पहले रमना ने 23 अगस्त को इस मामले को पांच जजों की संविधान पीठ को रेफर करते हुए 11 सवालों का जिक्र किया था|

​लेना जस्टिस जिन्होंने रमना के बाद मुख्य न्यायाधीश का पद संभाला। इस मामले की सुनवाई के लिए उपस्थित मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ की अध्यक्षता उदय ललित ने की| एम.आर.शाह, श्री. कृष्ण मुरारी, न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्याय पी.एस.नरसिम्हा की पांच सदस्यीय संविधान पीठ का गठन 6 सितंबर को किया गया था।
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