अलीगढ़। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के निधन पर अलीगढ़ यूनिवर्सिटी के कुलपति द्वारा शोक जताने पर उनकी निंदा की जा रही है। कुलपति की निंदा करते हुए यूनिवर्सिटी के कुलपति तारिक मंसूर की आलोचना करते हुए कैम्पस में पर्चे चिपकाये गए हैं। जिसमें कहा गया है कि इस तरह से शोक संवेदना जताना एएमयू की परम्पराओं और संस्कृति के खिलाफ है। इतना ही नहीं पर्चे में कहा गया है कि यह धार्मिक भावना को आहत करने वाला है। हालांकि यह पर्चा किसने चिपकाया यह जानकारी नहीं मिल पाई है। यूनिवर्सिटी ने पर्चे को हटवा दिया है।
पर्चे में आगे खिला था कि कल्याण सिंह न सिर्फ बाबरी मस्जिद गिराने के अपराधी थे बल्कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का भी उन्होंने उल्लंघन किया था। वही पर्चे में उनके निधन पर शोक संवेदना व्यक्त करने को एएमयू की संस्कृति और परंपरा के खिलाफ बताया गया। साथ ही कहा गया कि शोक जताकर कुलपति ने अली बिरादरी का अपमान किया है। अलीगढ़ आंदोलन न्याय और निष्पक्षता में विश्वास रखता है। हालांकि मंगलवार को इन पर्चों को यूनिवर्सिटी प्रशासन ने हटवा दिया था।
वहीं यूनिवर्सिटी के प्रॉक्टर प्रो. वसीम अली का कहना है कि यह हरकत किसी शरारती तत्व द्वारा की गई है। क्यों कि कोरोना की वजह से इन दिनों यूनिवर्सिटी में स्टूडेंट्स नहीं हैं ,कैंपस पूरा खाली है। कैंपस में दो तीन जगहों पर किसी शरारती तत्व ने पर्चे चिपकाने की हरकत की है ,उन्होंने कहा कि आरोपियों की तलाश की जा रही है। पता चलते ही उनको यहां से हटा दिया जाएगा। वहीं सोशल मीडिया को लेकर उन्होंने कहा कि वहां कोई भी अपने विचार रख सकता है। यह यह कानून के उल्लंघन के दायरे में होगा तो कानूनी तौर पर उस पर कार्रवाई होगी।
वहीं यूनिवर्सिटी के प्रॉक्टर प्रो. वसीम अली का कहना है कि यह हरकत किसी शरारती तत्व द्वारा की गई है। क्यों कि कोरोना की वजह से इन दिनों यूनिवर्सिटी में स्टूडेंट्स नहीं हैं ,कैंपस पूरा खाली है। कैंपस में दो तीन जगहों पर किसी शरारती तत्व ने पर्चे चिपकाने की हरकत की है ,उन्होंने कहा कि आरोपियों की तलाश की जा रही है। पता चलते ही उनको यहां से हटा दिया जाएगा। वहीं सोशल मीडिया को लेकर उन्होंने कहा कि वहां कोई भी अपने विचार रख सकता है। यह यह कानून के उल्लंघन के दायरे में होगा तो कानूनी तौर पर उस पर कार्रवाई होगी।