“गाय हमारी माता है, उसे पशुओं की सूची से बाहर करें”,अविमुक्तेश्वरानंद की मोदी सरकार से मांग!

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा, ''इस यात्रा का उद्देश्य गाय की रक्षा और गाय की सेवा करना है|

“गाय हमारी माता है, उसे पशुओं की सूची से बाहर करें”,अविमुक्तेश्वरानंद की मोदी सरकार से मांग!

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बद्रीनाथ ज्योतिर्मठ पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने केंद्र सरकार से ‘गाय को पशुओं की श्रेणी से बाहर करने’ का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा, ”गाय सरकार द्वारा बनाई गई पशुओं की सूची में शामिल है,लेकिन सनातन धर्म में गाय की बहुत प्रतिष्ठा है।​ हम गाय को माता के रूप में पूजते हैं। इसलिए गाय को जानवर कहना गलत है”। अविमुक्तेश्वरानंद ने गौ प्रतिष्ठा ध्वज स्थापना यात्रा का आयोजन किया है| यह यात्रा हाल ही में उड़ीसा में प्रवेश कर चुकी है|इस बार उन्होंने गाय को पशुओं की सूची से बाहर करने की मांग की|

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा, ”इस यात्रा का उद्देश्य गाय की रक्षा और गाय की सेवा करना है|” उड़ीसा पहुंचने के बाद अविमुक्तेश्वरानंद ने वहां के प्रसिद्ध लिंगराज मंदिर में जाकर पूजा की और मीडिया से बातचीत भी की। इस मौके पर उन्होंने कहा, ”मैं यहां गौ प्रतिष्ठा ध्वज स्थापना यात्रा के लिए आया हूं|हमारी यात्रा की मुख्य मांग है कि सरकार गायों की सुरक्षा और संरक्षण के लिए कानून बनाये|इसीलिए हमने यह यात्रा की है|

गाय को पशुओं की सूची से बाहर करें : स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती गाय को सरकारी सूची में पशुओं की श्रेणी में रखा गया है| लेकिन, भारतीय सभ्यता और संस्कृति में गाय को देवी कहा गया है। गाय का माता के रूप में महत्व बताया गया है। सनातन धर्म को मानने वाले लोग गाय को माता कहते हैं। इसलिए गाय को पशु कहना सनातन धर्म और सनातन धर्म के अनुयायियों का अपमान है। हमें अपनी परंपरा को जारी रखना चाहिए|इसके तहत गाय को सरकार द्वारा जारी पशुओं की सूची से बाहर करना होगा।

अविमुक्तेश्वरानंद का मानना, ‘कानून से बदलेगा लोगों का नजरिया’ स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा, ‘सरकार द्वारा गायों की सुरक्षा और संरक्षण के लिए कानून पारित करने के बाद लोग भी इस और सनातन धर्म की गंभीरता को समझेंगे। यह लोगों के सोचने के तरीके, गायों को देखने के तरीके को बदल देगा।” स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद कई वर्षों से गायों की सुरक्षा और संरक्षण के लिए काम कर रहे हैं। इसके लिए उन्होंने अलग-अलग राज्यों में जाकर लोगों को प्रेरित किया है​|​ उनका काम अभी भी जारी है​|​ उन्होंने कहा है कि जब तक केंद्र सरकार कानून नहीं बनाती तब तक वह काम करते रहेंगे​|​

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