मनीष सिसोदिया को आबकारी नीति से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में 26 फरवरी को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था। तब से वह तिहाड़ जेल में बंद हैं। दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को सोमवार, 3 जुलाई को दिल्ली हाई कोर्ट से कोई राहत नहीं मिली। कोर्ट ने एक्साइज पॉलिसी मामले से जुड़े प्रवर्तन निदेशालय मामले में मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज कर दी।
कोर्ट ने इसी मामले में आम आदमी पार्टी के पूर्व मीडिया प्रभारी विजय नायर की जमानत याचिका भी खारिज कर दी है। अदालत ने कहा कि विजय नायर पर आरोप गंभीर है और वह सिसोदिया के करीबी रहे हैं। अदालत ने कहा कि जमानत याचिका खारिज करने के निर्णय अदालत के आदेश में कोई गलती नहीं है। इसके साथ ही अदालत ने सह-आरोपित अभिषेक बोइनपल्ली, विजय नायर और बिनाय बाबू की जमानत याचिका भी खारिज कर दी।
वहीं ईडी की ओर से दर्ज धन शोधन के मामले में ये सभी सह-आरोपी हैं। दिल्ली हाई कोर्ट में ईडी ने मनीष सिसोदिया को जमानत देने का विरोध किया था। ईडी ने कहा था मनीष सिसोदिया के पास 18 से ज्यादा मंत्रालय थे। वह बहुत प्रभावशाली व्यक्ति हैं। अगर उन्हें जमानत दी जाती है तो वह जांच को प्रभावित कर सकते हैं। हालांकि मनीष सिसोदिया ने मल्टीपल स्केलेरोसिस से पीड़ित अपनी पत्नी के बिगड़ते स्वास्थ्य सहित विभिन्न आधारों पर जमानत मांगी है। उन्हें पिछले दिनों उनकी बीमार पत्नी से मिलने के लिए कुछ घंटों की इजाजत दी गई थी।
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