इंडो‑पैसिफ़िक क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा और रणनीतिक समन्वय को नया आयाम देने वाला क्वाड शिखर सम्मेलन इस वर्ष भारत में होने जा रहा है। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बुधवार को पुष्टि की कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से 35 मिनट की फोन वार्ता के दौरान क्वाड बैठक में भाग लेने के लिए भारत आने का न्योता स्वीकार कर लिया है।
मिस्री के मुताबिक, दोनों नेताओं ने इंडो‑पैसिफ़िक में साझा हितों पर खुलकर चर्चा की और क्वाड की “केंद्रीय भूमिका” पर सहमति जताई। प्रधानमंत्री मोदी ने अगले शिखर सम्मेलन के लिए राष्ट्रपति ट्रंप को आमंत्रित किया, जिसे उन्होंने तुरंत स्वीकार करते हुए कहा कि वह भारत यात्रा को लेकर “उत्सुक” हैं।
कनाडा में हाल ही में संपन्न जी‑7 शिखर सम्मेलन के इतर मोदी‑ट्रंप मुलाक़ात निर्धारित थी, मगर वॉशिंगटन में आपात कार्यक्रम के कारण राष्ट्रपति ट्रंप को शीघ्र स्वदेश लौटना पड़ा और भेंट टल गई। इसी रिक्तता को भरते हुए मंगलवार देर रात (भारतीय समयानुसार) फोन पर हुई यह वार्ता भविष्य की रूपरेखा तय करती दिखी।
वार्ता के दौरान प्रधानमंत्री ने कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले और भारतीय कार्रवाई ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का उल्लेख करते हुए क्षेत्रीय सुरक्षा चिंताओं को साझा किया। विदेश सचिव ने बताया कि राष्ट्रपति ने आतंकवाद के विरुद्ध भारत के रुख का समर्थन दोहराया और पीड़ितों के प्रति संवेदना जताई। इसी संदर्भ में मिस्री ने कहा, “ऑपरेशन सिंदूर के बाद दोनों नेताओं की ये पहली बातचीत थी। 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के बाद ट्रंप ने पीएम मोदी को फोन पर शोक संवेदना प्रकट की थी और आतंक के खिलाफ समर्थन व्यक्त किया था। पीएम मोदी ने राष्ट्रपति ट्रंप से ऑपरेशन सिंदूर के बारे में विस्तार से बात की।”
भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान के इस चतुर्पक्षीय समूह ने इंडो‑पैसिफ़िक में मुक्त, समावेशी और नियम‑आधारित व्यवस्था को बल देने का लक्ष्य रखा है। संभावित एजेंडा में संवेदनशील समुद्री मार्गों की निगरानी, आपातकालीन मानवीय सहायता, टिकाऊ आपूर्ति श्रृंखलाएं और उभरती तकनीकों में सहयोग प्रमुख रह सकते हैं।
राष्ट्रपति ट्रंप का आगामी दौरा न सिर्फ़ द्विपक्षीय रिश्तों में नई ऊर्जा भरने का अवसर होगा, बल्कि चीन की आक्रामक समुद्री गतिविधियों से चिंतित क्षेत्रीय देशों के लिए भी सुरक्षा आश्वासन माना जा रहा है। भारत‑अमेरिका रक्षा सहयोग पहले से ‘मेजर डिफेंस पार्टनर’ स्तर पर है, और क्वाड मंच इसे ठोस रणनीतिक योजना में पिरोने का माध्यम बन सकता है।
विदेश मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार शिखर सम्मेलन की तिथि और स्थल पर आंतरिक मंथन चल रहा है, हालांकि कार्यक्रम अक्टूबर‑नवंबर विंडो में तय हो सकता है। सुरक्षा एजेंसियां उच्चस्तरीय तैनाती की तैयारियों में जुट गई हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय का मानना है कि ट्रंप की यात्रा बहुपक्षीय मंचों पर भारत की सक्रिय भूमिका को रेखांकित करेगी और साझेदारी को अगले दशक की दिशा देगी।
कुल मिलाकर, क्वाड समिट के बहाने होने वाला यह उच्चस्तरीय दौरा न केवल हिंद‑प्रशांत संतुलन को मजबूती देगा, बल्कि भारत‑अमेरिका सहयोग को भी एक नई ऊँचाई पर ले जाने की दिशा तय करेगा।
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