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Thursday, September 19, 2024
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पहले अयोध्या की तरफ झांकते भी नहीं थे,अब कह रहे राम-राम

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लखनऊ। मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने गुरुवार को विधानसभा में अनुपूरक बजट पर चर्चा के दौरान विपक्ष पर तीखे वार किए। उन्‍होंने कहा कि यूपी की मौजूदा सरकार माफियाओं को सिर पर लेकर नहीं घूमती। हमने माफियाओं से 1500 करोड़ रुपए की सम्‍पत्ति जब्‍त की। यह सम्‍पत्ति गरीबों को लूटकर बनाई गई थी। गरीबों को लूटकर जो भवन बनाए गए थे, हम उन्‍हें गिराकर वहां गरीबों-दलितों के लिए घर बनाएंगे। उन्‍होंने कहा कि पहले विपक्ष के लोग अयोध्‍या की तरफ झांकते नहीं थे लेकिन आज हर कोई  कह रहा है कि राम हमारे हैं। सीएम योगी ने पंडित दीनदयाल उपाध्‍याय के अंत्‍योदय और प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के सबका साथ-सबका विकास का उल्‍लेख करते हुए कहा कि यह हमारा भाव, हमारा दर्शन और जीवन का हिस्‍सा है। यह हमारी कार्यपद्धति में पग-पग पर दिखता है।

पंडित दीनदयाल उपाध्‍याय ने कहा था कि आर्थिक योजनाओं और आर्थिक प्रगति का लाभ समाज के अंतिम पायदान पर खड़े लोगों को भी मिलना चाहिए। हमने बिना किसी भेदभाव के अपनी योजनाओं को लोगों तक पहुंचाने का काम किया। सीएम ने कहा कि यह पहली महामारी है जिसमें एक भी गरीब भूखा नहीं मरा। हमें महामारी को तो स्वीकार करना होगा नहीं तो बीमारी के उपचार के लिए और बीमारी से बचाव के लिए कोई अभियान आगे नहीं बढ़ पाएगा। उन्‍होंने कहा कि विपक्ष को तो गरीबों को अन्‍न दिया जाना भी बुरा लग रहा है। झोलों में अनाज वितरण को भी गरीबों का मजाक बता दिया। यह साफ दिख रहा है कि विपक्ष को जमीन पर चलने की आदत नहीं है। सीएम ने कहा कि पिछले पांच वर्षों के दौरान प्रदेश के अंदर बजट का दायरा काफी बढ़ गया। वर्ष 2015-16 में ढाई लाख करोड़ रुपए का बजट आता था। 2016-17 में 2.40 लाख करोड़ का बजट आया। आज हम करीब छह लाख करोड़ रुपए तक बजट के दायरे को पहुंचाने में सफल रहे हैं। बड़ी सोच और बड़े कार्यों के साथ बजट का दायरा भी बढ़ा है। 24 करोड़ की आबादी वाले प्रदेश में दो-तीन लाख करोड़ रुपए का बजट ऊंट के मुंह में जीरे की तरह थी।

पिछले पांच वर्ष के दौरान प्रदेश के अंदर प्रति व्‍यक्ति आय भी बढ़ी है। प्रदेश की जीएसटी भी पांच वर्ष पहले 10-11 लाख करोड़ के आसपास थी आज 20-21 लाख करोड़ रुपए तक पहुंचाने में सफल रहे हैं। प्रदेश की अर्थव्‍यवस्‍था में हम कहां थे। आबादी में नंबर एक होने के बावजूद जातीय-सांप्रदायिक दंगों, भ्रष्‍टाचार, विकास में पीछे रहने के कारण अ‍र्थव्‍यवस्‍था में छह नंबर पर था। पिछले साढ़े चार वर्षों के परिश्रम के चलते उत्‍तर प्रदेश आज देश में नंबर दो पर है। ईज ऑफ डूईंग बिजनेस से सरकारी नौकरी के साथ-साथ निजी क्षेत्र में नौजवानों के अवसर बढ़े हैं। व्यवसाय की सुगमता क्या होनी चाहिए इस पर हमने व्यापक संशोधन किए, नीतियां बनाई जिसके परिणाम सामने हैं। अगर दुनिया में भारत निवेश का सबसे अच्छा देश है, तो देश में उत्तर प्रदेश सबसे अच्छा गंतव्य है। इज ऑफ डूइंग बिजनेस में उ.प्र. 16वें स्थान से दूसरे स्थान पर आया है।

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