नेपाल सीमा के पास दक्षिणी तिब्बत में भूकंप के कई झटके महसूस किए गए, जिसके झटके उत्तरी भारत के कुछ हिस्सों में भी महसूस किए गए। इनमें से सबसे शक्तिशाली, 7.1 तीव्रता का झटका, नेपाल में अप्रैल 2015 के विनाशकारी भूकंप के बाद से इस क्षेत्र में सबसे मजबूत था। 2015 में नेपाल में आए भूकंप में करीब 10,000 लोग मारे गए| नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी ने कहा कि मंगलवार सुबह तिब्बती क्षेत्र के जिजांग में भूकंप आया। यहां सुबह 6.30 बजे 10 किलोमीटर की गहराई पर 7.1 तीव्रता का भूकंप आया| इसके बाद 7:02 बजे 4.7 तीव्रता, 7:07 बजे 4.9 तीव्रता और 7:13 बजे 5 तीव्रता का भूकंप आया।
भूकंप से कम से कम 53 लोगों की मौत हो गई है और कई लोग पश्चिमी चीन और पड़ोसी नेपाल में फंसे हुए हैं। सिन्हुआ समाचार एजेंसी के अनुसार, क्षेत्रीय आपदा राहत मुख्यालय के अनुसार, 62 लोग घायल हुए हैं। मलबे में फंसे लोगों की तलाश के लिए करीब 1,500 बचावकर्मियों को भेजा गया है। अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ने भूकंप की तीव्रता 7.1 रिक्टर शॉल बताई है। तो वहीं चीन ने कहा है कि इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 6.8 है|
सोशल मीडिया यूजर्स के पोस्ट के मुताबिक, पटना और सारण समेत बिहार के कुछ हिस्सों में तेज झटके महसूस किए गए। इस समय, सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं ने कहा है कि पश्चिम बंगाल और असम के कुछ हिस्सों में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप के इस सिलसिले का असर भारत पर भी पड़ा है|
भारत में बिहार, बंगाल और असम में भी भूकंप के झटके महसूस किये गये। हालांकि, नेपाल में कितने लोगों की जान गई या वित्तीय नुकसान हुआ, इसकी कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है। कुछ वीडियो सामने आए हैं जिनमें भूकंप के बाद लोग अपना घर छोड़कर बाहर खड़े दिख रहे हैं।
बिहार के मोतिहारी, समस्तीपुर, दरभंगा, मधुबनी, पूर्णिया, सीवान, अररिया, सुपौल और मुजफ्फरपुर में सुबह करीब 6.40 बजे भूकंप के झटके महसूस किये गये| भूकंप के झटके महसूस होने के बाद लोग घबराकर अपने घरों से बाहर निकल आए| नेपाल में 2025 की शुरुआत भूकंप के झटकों के साथ हुई है| नेपाल में पिछले 7 दिनों में 3 भूकंप आ चुके हैं| 3 जनवरी को आए भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.4 थी. तो, 2 जनवरी को आए भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 4.8 थी।
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