लखनऊ सीबीआई कोर्ट के स्पेशल जज ने 18 दिसंबर को अभियोजन शिकायत पर संज्ञान लिया।
ईडी ने उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा विजय मिश्रा, राम लली मिश्रा और दूसरों के खिलाफ दर्ज एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की। इसके बाद, उत्तर प्रदेश पुलिस ने 14 और 26 जुलाई 2023 को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की अलग-अलग धाराओं के तहत चार्जशीट दायर कीं।
इन पर सरकारी कर्मचारी के तौर पर अपने कार्यकाल के दौरान चल और अचल संपत्तियों के रूप में 36.07 करोड़ रुपए से ज्यादा की संपत्ति जमा करने का आरोप है।
जांच के दौरान पता चला कि विजय मिश्रा और राम लली मिश्रा ने सरकारी कर्मचारी के तौर पर काम करते हुए अपने आधिकारिक पदों का गलत इस्तेमाल किया और इसके लिए, मेसर्स वीएसपी स्टारर रियल्टी प्राइवेट लिमिटेड नाम की एक कंपनी बनाई।
ईडी की जांच में यह पाया गया कि विजय मिश्रा और परिवार के सदस्यों की आपराधिक गतिविधियों से कमाए गए आय को बेदाग दिखाने के लिए व्यापारिक गतिविधियों में इस्तेमाल किया गया था।
इस मामले में अटैच की गई प्रॉपर्टी की कुल कीमत 25.46 करोड़ रुपए है, जिसमें प्रयागराज, नई दिल्ली, मुंबई और रीवा में मौजूद कमर्शियल और रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी शामिल हैं। इस मामले में आगे की जांच जारी है।
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