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Wednesday, April 2, 2025
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फूड प्रोसेसिंग पीएलआई: 171 कंपनियों को मिली मंजूरी, 2.89 लाख से अधिक रोजगार का अवसर!

इस योजना ने घरेलू विनिर्माण, वैल्यू एडिशन और कच्चे माल के घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देकर और रोजगार के अवसर पैदा किए हैं, जिससे देश के समग्र विकास में महत्वपूर्ण योगदान मिला है।

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केंद्र सरकार द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री के लिए उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन योजना (पीएलआईएसएफपीआई) के तहत कुल 171 फूड प्रोसेसिंग कंपनियों को मंजूरी दी गई है और 1,155.296 करोड़ रुपये के प्रोत्साहन वितरित किए गए हैं। इनमें से 28 फरवरी तक 20 पात्र मामलों में एमएसएमई को 13.266 करोड़ रुपये वितरित किए गए हैं।

पीएलआईएसएफपीआई योजना को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मार्च 2021 में 10,900 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ मंजूरी दी थी। यह योजना 2021-22 से 2026-27 तक छह साल की अवधि में लागू की जा रही है। योजना के लाभार्थियों द्वारा बताए गए आंकड़ों के अनुसार, 213 स्थानों पर 8,910 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है।

31 अक्टूबर, 2024 तक इस योजना ने 2.89 लाख से अधिक रोजगार सृजित किए हैं। इस योजना ने घरेलू विनिर्माण, वैल्यू एडिशन और कच्चे माल के घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देकर और रोजगार के अवसर पैदा किए हैं, जिससे देश के समग्र विकास में महत्वपूर्ण योगदान मिला है।

खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय के अनुसार, यह योजना बड़ी कंपनियों, बाजरा आधारित उत्पादों, इनोवेटिव और जैविक उत्पादों के साथ-साथ छोटे और मध्यम उद्यमों का समर्थन करती है और वैश्विक स्तर पर भारतीय ब्रांडों को बढ़ावा देती है

सरकार ने देश भर में पीएमकेएसवाई की संबंधित घटक योजनाओं के तहत 41 मेगा फूड पार्क, 394 कोल्ड चेन परियोजनाओं, 75 एग्रो-प्रोसेसिंग क्लस्टर परियोजनाओं, 536 फूड प्रोसेसिंग यूनिट, 61 बैकवर्ड और फॉरवर्ड लिंकेज के निर्माण और 44 ऑपरेशन ग्रीन्स परियोजनाओं सहित 1,608 परियोजनाओं को भी मंजूरी दी है।

मंत्रालय ने बताया कि पीएमकेएसवाई की घटक योजनाओं की शुरुआत से 28 फरवरी तक कुल 6,198.76 करोड़ रुपये अनुदान/सब्सिडी के रूप में वितरित किए गए हैं।

केंद्रीय क्षेत्र की व्यापक योजना संपदा -स्कीम फोर एग्रो-मरीन प्रोसेसिंग एंड डेवलपमेंट ऑफ एग्रो-प्रोसेसिंग क्लस्टर को मई 2017 में मंजूरी दी गई थी, जिसके कार्यान्वयन अवधि के लिए कुल 6,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया था। 4,600 करोड़ रुपये के आवंटन के साथ संपदा योजना को 31 मार्च, 2026 तक जारी रखने को मंजूरी दी गई है।

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