नेपाल में पिछले तीन दिनों से विरोध प्रदर्शन जारी हैं। हिंसक प्रदर्शनों के कारण केपी शर्मा ओली को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफ़ा देना पड़ा। नेपाल में लोग भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ सड़कों पर उतर आए हैं। सरकार गिरने के बाद भी विरोध प्रदर्शन जारी हैं। नेपाल में जहाँ हालात बेकाबू हैं, वहीं दूसरी ओर फ्रांस में भी विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। फ्रांस में लोग सरकार के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और इसे ‘ब्लॉक एवरीथिंग’ नाम दिया गया है।
बुधवार (10 सितंबर) की सुबह पेरिस और अन्य प्रमुख शहरों में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़पें हुईं। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने कूड़ेदान और बैरिकेड लगाकर सड़कें जाम कर दीं। बोर्डो और मार्सिले में भीड़ ने प्रमुख चौराहों को घेर लिया और पुलिस पर बोतलें फेंकी। प्रदर्शनकारियों ने पेरिस के रेलवे हब, गारे डू नॉर्ड स्टेशन पर भी हमला किया।
गृह मंत्री ब्रूनो रिटाल्यू ने कहा कि पश्चिमी शहर रेनेस में एक बस में आग लगा दी गई और दक्षिण-पश्चिम में एक बिजली लाइन क्षतिग्रस्त होने के कारण एक रेल लाइन अवरुद्ध हो गई। उन्होंने प्रदर्शनकारियों पर ” तख्तापलट माहौल” बनाने की कोशिश करने का आरोप लगाया।
प्रदर्शनों के दौरान पेरिस में 200 से ज़्यादा लोगों को गिरफ़्तार किया गया। पुलिस का कहना है कि वे सार्वजनिक व्यवस्था को बिगाड़ने की कोशिश कर रहे थे। फ़्रांस में हालात बिगड़ते जा रहे हैं। सरकार ने 80,000 से ज़्यादा पुलिस और सुरक्षा बल तैनात किए हैं। प्रदर्शनकारी रेल और सड़क यातायात बाधित कर रहे हैं और तेल डिपो, सुपरमार्केट और पेट्रोल पंपों को निशाना बना रहे हैं।
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