अफ्रीकी महाद्वीप पर आयोजित पहले G20 शिखर सम्मेलन की शुरुआत भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के व्यापक विज़न के साथ हुई। जोहान्सबर्ग में उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने वैश्विक विकास मॉडल में मूलभूत परिवर्तन की वकालत की और ज्ञान-साझाकरण, कौशल-विकास तथा सुरक्षा सहयोग को पुनर्परिभाषित करने वाली तीन बड़ी वैश्विक पहलों की घोषणा की। पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया के सामने खड़े असमान विकास, संसाधन असंतुलन और पर्यावरणीय संकट के दौर में मानव-केंद्रित, समावेशी और सभ्यतागत मूल्यों से प्रेरित मॉडल ही स्थायी समाधान दे सकते हैं। उन्होंने भारत के ‘एकात्म मानववाद’ को ऐसे संतुलित विकास की बुनियादी अवधारणा बताया।
अपने संबोधन की शुरुआत में ही PM मोदी ने प्रकृति-संतुलन और सामुदायिक जीवन के प्राचीन मॉडलों की वैश्विक सुरक्षा पर जोर दिया। उन्होंने G20 के तहत Global Traditional Knowledge Repository बनाने का प्रस्ताव रखा — एक ऐसा प्लेटफॉर्म जो विश्वभर के समुदायों में प्रचलित पारंपरिक, पर्यावरण-संगत और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध आचरणों को संकलित और संरक्षित करेगा।
मोदी ने कहा कि भारत का Indian Knowledge Systems (IKS) कार्यक्रम इस वैश्विक मंच की आधारशिला बन सकता है। यह भंडार स्वास्थ्य, पर्यावरण और समाज-व्यवस्था से जुड़ी पारंपरिक ज्ञान-प्रणालियों को भविष्य की पीढ़ियों तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। अफ्रीका की युवा आबादी को वैश्विक प्रगति की धुरी बताते हुए प्रधानमंत्री ने महाद्वीप के लिए एक अभूतपूर्व कौशल-विकास कार्यक्रम की घोषणा की।
G20–Africa Skills Multiplier Initiative के तहत अगले 10 वर्षों में 10 लाख प्रशिक्षित ट्रेनर तैयार किए जाएंगे।यह कार्यक्रम “train-the-trainer” मॉडल पर चलेगा। सभी G20 सदस्य मिलकर इसे सहयोग देंगे। प्रशिक्षित ट्रेनर आगे लाखों युवाओं को कौशल प्रदान करेंगे, जिससे बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन संभव होगा।
PM मोदी ने याद दिलाया कि भारत की G20 अध्यक्षता के दौरान ही African Union को स्थायी सदस्य के रूप में शामिल किया गया था। यह दोनों क्षेत्रों की साझेदारी का प्रतीक है।
PM मोदी ने वैश्विक स्तर पर तेजी से फैल रही कृत्रिम मादक दवाओं, खासकर फेंटानिल, के खतरे को रेखांकित किया।
उन्होंने चेतावनी दी कि सिंथेटिक ड्रग्स न सिर्फ स्वास्थ्य बल्कि सामाजिक स्थिरता और सुरक्षा के लिए गंभीर चुनौती बन चुकी हैं।
इसी संदर्भ में उन्होंने G20 Initiative on Countering the Drug–Terror Nexus का प्रस्ताव रखा, जिसका उद्देश्य है सीमा-पार ड्रग नेटवर्क्स को ध्वस्त करना, अवैध धन प्रवाह पर रोक लगाना, आतंकी संगठनों की फंडिंग के स्रोतों को काटना, वित्तीय और सुरक्षा ढांचे को एकजुट कर वैश्विक स्तर पर समन्वित कार्रवाई करना। पीएम मोदी ने कहा कि ड्रग-टेरर गठजोड़ पर प्रहार लिए दुनिया को एकजुट प्रयास की ज़रूरत है।
समावेशी एवं टिकाऊ विकास पर केंद्रित इस शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री ने कहा कि विश्व राजनीति और अर्थव्यवस्था के केंद्र में अफ्रीका का उभरना वैश्विक व्यवस्था के लिए एक निर्णायक क्षण है। उन्होंने कहा कि यह अवसर दुनिया को विकास की दिशा में कोर्स करेक्शन करने का मौका देता है।
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