गूगल ने शुक्रवार को मलयालम सिनेमा की पहली महिला अभिनेत्री पीके रोज़ी की 120वीं जयंती के मौके पर उन्हें एक डूडल समर्पित किया। पी के रोजी किसी फिल्म में लीड रोल निभाने वाली पहली एक्ट्रेस थीं। इस डूडल को गुलाब के फूलों और फिल्म की रील से सजाया गया है। इस खास मौके पर हम आपको पीके रोजी के जीवन की कुछ खास बातों के बारे में बताने जा रहे हैं…
पीके रोज़ी का जन्म 10 फरवरी, 1903 में केरल के तिरुवनंतपुरम में हुआ था। रोज़ी को कम उम्र में ही अभिनय का शौक लग गया था। रोजी कक्करिसी नाटकों में भी एक शानदार अभिनेत्री थी जोकि केरल में एक प्रकार का लोक रंगमंच है जो तमिल और मलयालम दोनों को मिश्रित करता है।
1928 में फिल्म ‘विगाथाकुमारन’ (द लॉस्ट चाइल्ड) में फीमेल लीड प्ले करने के बाद उनकी प्रतिभा उभरकर सामने आई। इस फिल्म में उन्होंने एक अपर-कास्ट महिला का किरदार निभाया था। फिल्म के एक सीन में मेल लीड अभिनेत्री के बालों में लगे फूल को चूमता है। इस सीन पर काफी ज्यादा बवाल हुआ था। क्योंकि रोजी एक दलित महिला थीं। इसकी वजह से रोज़ी को राज्य छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा था। ऐसा कहा जाता है कि वह एक लॉरी में तमिलनाडु भाग गई थीं। तमिलनाडु में रोजी ने उस लॉरी चालक से ही शादी कर ली थी। और ‘राजम्मा’ के रूप में बस गईं।
एक्टिंग करियर को अलविदा कहने के कई साल बाद, मलयालम सिनेमा और समाज को दिए उनके योगदान को याद किया गया है। सर्च इंजन गूगल ने उनके सम्मान में लिखा, ‘आपके साहस और आपके द्वारा छोड़ी गई विरासत के लिए धन्यवाद, पीके रोजी।’ आपको बता दें, पीके रोजी को उनके पूरी जीवन काल में कभी भी उनके योगदान के लिए सराहना नहीं मिली, लेकिन उनकी कहानी लोगों के लिए बल्कि महिलाओं के लिए बहुत प्रेरणादायक है।
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