मुंबई। महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को एक पत्र लिखकर उनसे राज्य विधानमंडल के आगामी मानसून सत्र की अवधि बढ़ाने और जल्द से जल्द विधानसभा अध्यक्ष के पद पर किसी को नियुक्त करने को कहा है। राज्यपाल ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रतिनिधिमंडल की ओर से की गयी मांगों के बाद मुख्यमंत्री को यह पत्र लिखा है। कोश्यारी ने 24 जून को लिखे गए अपने पत्र में मुख्यमंत्री से कहा है कि अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) आरक्षण का मामला लंबित होने के कारण स्थानीय निकाय चुनाव भी नहीं कराए जाने चाहिए। उच्चतम न्यायालय की ओर से स्थानीय निकायों में ओबीसी आरक्षण को रद्द किए जाने के बाद राज्य चुनाव आयोग (एसईसी) ने हाल ही में पांच जिला परिषदों और 33 पंचायत समितियों में उन सीटों के लिए उपचुनाव की घोषणा की थी जो खाली हो गयी थीं और सामान्य वर्ग में परिवर्तित हो गयी थीं।
भाजपा ने राज्य सरकार पर उच्चतम न्यायालय में ओबीसी कोटा का बचाव करने में विफल रहने का आरोप लगाते हुए पिछले सप्ताह पूरे महाराष्ट्र में चक्का जाम और सड़क नाकेबंदी कर विरोध प्रदर्शन किया था। राज्यपाल ने कहा कि विपक्ष के नेता देवेन्द्र फडणवीस के नेतृत्व में 23 जून को भाजपा के एक प्रतिनिधिमंडल ने उनसे मुलाकात कर आगामी मानसून सत्र की अवधि को बढ़ाने की मांग की थी। राज्यपाल ने अपने पत्र में मुख्यमंत्री को संबोधित करते हुए कहा, ” क्योंकि ये तीनों मुद्दे बेहद महत्वपूर्ण हैं, कृपया इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई करें और उसकी जानकारी मुझे दें।” फडणवीस ने राज्य सरकार द्वारा केवल दो दिनों के लिए पांच और छह जुलाई को मानसून सत्र आयोजित करने के फैसले की आलोचना करते हुए कहा कि महागठबंधन सरकार विपक्ष के कठिन सवालों से बचने के लिए ऐसा कर रही है। इस बीच, महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री बाला साहेब थोराट ने संवाददाताओं से कहा कि विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया दो दिनों के मानसून सत्र के दौरान ही पूरी हो जाएगी। राज्य विधानमंडल की परंपरा के अनुसार, विधानसभा अध्यक्ष हमेशा निर्विरोध चुना जाता है। गौरतलब है कि इस वर्ष फरवरी में तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष नाना पटोले ने महाराष्ट्र कांग्रेस का अध्यक्ष चुने जाने के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।