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Monday, July 14, 2025
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सकल प्रत्यक्ष कर संग्रह 4.9% बढ़ा, रिफंड में 58% की तेजी दर्ज! 

शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह में पिछले वर्ष के 4,65,275 करोड़ रुपए से 1.39 प्रतिशत की मामूली गिरावट देखी गई और यह 4,58,822 करोड़ रुपए रहा।

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आयकर विभाग द्वारा जारी नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष में 19 जून तक सकल प्रत्यक्ष कर संग्रह (कॉर्पोरेट कर, गैर-कॉर्पोरेट कर, प्रतिभूति लेनदेन कर और अन्य शुल्क) 4.86 प्रतिशत बढ़कर 5.45 लाख करोड़ रुपए हो गया है।

हालांकि, रिफंड में वृद्धि के कारण शुद्ध संग्रह में मामूली गिरावट देखी गई। शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह में पिछले वर्ष के 4,65,275 करोड़ रुपए से 1.39 प्रतिशत की मामूली गिरावट देखी गई और यह 4,58,822 करोड़ रुपए रहा।

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, सरकार ने 19 जून तक 86,385 करोड़ रुपए का प्रत्यक्ष कर रिफंड जारी किया है, जो 2024-25 की इसी अवधि की तुलना में 58.04 प्रतिशत की वृद्धि है।

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के अनुसार, शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह में 1.72 लाख करोड़ रुपए का कॉर्पोरेट कर (रिफंड के बाद शुद्ध), 2.72 लाख करोड़ रुपए का गैर-कॉर्पोरेट कर और 13,013 करोड़ रुपए का प्रतिभूति लेनदेन कर (रिफंड के बाद शुद्ध) शामिल है।

गैर-कॉर्पोरेट कर संग्रह में अग्रिम कर में 2.68 प्रतिशत की गिरावट आई, जबकि कॉर्पोरेट कर में 5.68 प्रतिशत की वृद्धि हुई। कुल अग्रिम कर प्राप्तियां 3.87 प्रतिशत बढ़कर 1,55,533 करोड़ रुपए हो गईं।

किसी व्यक्ति की आय या लाभ पर लगाया जाने वाला प्रत्यक्ष कर, व्यक्ति द्वारा सीधे सरकार को भुगतान किया जाता है।

आयकर विभाग ने हाल ही में ‘ई-पे टैक्स’ सुविधा शुरू की है, जिसका उद्देश्य करदाताओं के लिए कर-संबंधी प्रक्रियाओं को सरल बनाना है। केंद्रीय बजट में आयकर अधिनियम, 1961 को और अधिक पारदर्शी बनाने के लिए इसमें व्यापक बदलाव का प्रस्ताव किया गया है।

इस बीच, मई 2025 के लिए भारत का सकल वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह 2.01 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गया, जो मई 2024 में एकत्र 1.72 लाख करोड़ रुपए की तुलना में 16.4 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।

यह लगातार दूसरा महीना है जब जीएसटी राजस्व 2 लाख करोड़ रुपए के आंकड़े से ऊपर रहा है, जो स्वस्थ आर्थिक गतिविधि और स्थिर खपत वृद्धि का संकेत देता है।

वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल में जीएसटी संग्रह 2.37 लाख करोड़ रुपए के सर्वकालिक उच्च स्तर को छू गया था, जो मार्च से 13 प्रतिशत की वृद्धि थी।

 
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