कैसे निर्माण हुई अवैध मस्जिद, हवाई अड्डा- हाइवे मस्जिद से निशाने में !

सफेद रंग से रंगे हुए पत्थरों को पेड़ के नीचे रख दिया गया और बाद में उन्हें एक दरगाह में बदल दिया गया। फिर वहां दीवार बन गई, कुँवा, पानी की टंकियां, गेस्ट हाउस, पार्किंग की सुविधाए बनाई गई है।

नवी मुंबई में हवाई अड्डे के पास एक पहाड़ी पर एक अनधिकृत दरगाह की तस्वीरें अब वायरल हो रही हैं और यह दरगाह बहुत ही रणनीतिक स्थान पर खड़ी है। पत्रकार और अभ्यासक प्रणव जाधव ने एक्स पर वर्ष 2011 से 2024 के बीच वहां हुए बड़े निर्माण की तस्वीरें वीडिओ के माध्यम से पोस्ट की है।

प्रणव जाधव ने सैटेलाइट इमेजरी के जरिए इस अवैध मस्जिद के निर्माण को दिखाया है। साथ ही तस्वीर से यह स्पष्ट है कि 2011 में वहां केवल एक पत्थर को सफेद रंग मारने से शुरुवात की गई थी। 2012 में धर्मस्थल बनाया गया और अब वहां एक बड़ी अवैध मस्जिद निर्माण किया गया है। 12 साल पहले शुरुआत में केवल एक पत्थर रखा गया था और बाद में इसे मजार, दरगाह में बदल दिया गया।

(2011 में रखा गया सफ़ेद पत्थर)
(2024 में बनकर पूरी हुई अवैध मस्जिद)

सेटलाइट इमेज से यह एक एकड़ का तक फैला इलाका कब्जाया गया दिखता है। सफेद रंग से रंगे हुए पत्थरों को पेड़ के नीचे रख दिया गया और बाद में उन्हें एक दरगाह में बदल दिया गया। फिर वहां दीवार बन गई, कुँवा, पानी की टंकियां, गेस्ट हाउस, पार्किंग की सुविधाए बनाई गई है। सवाल उठाया जा रहा है कि ये सब किसी के आशीर्वाद से हुआ है. सवाल यह भी उठ रहा है कि नवी मुंबई एयरपोर्ट के आसपास पहाड़ी पर खड़े इन सबके बारे में सरकार को जानकारी नहीं है।

 

स्थानीय लोगों को यह भी डर है कि अब इस जगह पर किसी को जाने की इजाजत नहीं मिलेगी और फिर यह सिर्फ मुसलमानों का हिस्सा बन जायेगा। इतना नहीं इस मस्जिद की जगह भी ऐसे चुनी गई है की, इस इलाके से हवाई अड्डे और नवी मुंबई के जेएनपीटी बंदरगाह की और जानेवाले रास्ते पर नियंत्रण रखा जा सके। अवैध मस्जिद बनाने के लिए भारत के व्यापर और रक्षा परिवहन के दो महत्वपूर्ण स्थानों पर नजर रखने और निशाना लगाने के लिए यह बेहतरीन स्ट्रेटेजिक लोकेशन खोजी गई है।

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फिलहाल वक्फ बोर्ड की जमीनों का मामला सामने आ रहा है। ऐसी घटनाओं के जरिए कई जगहों पर जमीन हड़पने को लेकर चिंताएं जाहिर की जा रही हैं। शिवाजी महाराज के समय के किलों पर इसी तरह के मंदिर बनाए जाने और दरगाहों में परिवर्तित किए जाने के कई उदाहरण हैं। इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी हुए हैं। अब सवाल पूछा जा रहा है कि क्या सरकार नवी मुंबई में इस निर्माण के खिलाफ कारवाई करेगी या नहीं।

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