जानिए कितना खतरनाक है बंकर बस्टर बम, ईरान पर अमेरिकी एयर स्ट्राइक में हुआ इस्तेमाल!

सटीक निशाना लगाने की तकनीक

जानिए कितना खतरनाक है बंकर बस्टर बम, ईरान पर अमेरिकी एयर स्ट्राइक में हुआ इस्तेमाल!

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ईरान के तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों—फोर्डो, नतांज और इस्फहान—पर अमेरिकी एयर स्ट्राइक के दौरान जिस हथियार ने दुनियाभर का ध्यान खींचा, वह है ‘बंकर बस्टर’ बम। यह बम अमेरिका की सैन्य ताकत का प्रतीक माना जाता है और खासतौर पर दुश्मन के जमीन के अंदर स्थित सुरक्षित बंकरों या परमाणु प्रतिष्ठानों को नष्ट करने के लिए विकसित किया गया है।

कैसे गिराया जाता है बंकर बस्टर?

यह बम B-2 स्टील्थ बॉम्बर विमान से करीब 12 किलोमीटर (लगभग 40,000 फीट) की ऊंचाई से गिराया जाता है। इस बम में कोई इंजन नहीं होता, बल्कि यह गुरुत्वाकर्षण बल और ऊंचाई के कारण तेजी से गिरता है और जबरदस्त वेग प्राप्त करता है।

सटीक निशाना लगाने की तकनीक

बंकर बस्टर बम में सैटेलाइट गाइडेंस सिस्टम और हवा में संतुलन बनाने वाले फिन्स (पंख) लगे होते हैं, जो इसे लक्ष्य की ओर निर्देशित करते हैं। इन तकनीकों की मदद से यह बम हवा में दिशा बदल सकता है और सटीक लक्ष्य को भेदता है।

बंकर बस्टर का सबसे ख़ास पहलू है कि यह केवल सतह पर नहीं फटता। यह बम भारी वजन और तेज रफ्तार से जमीन को भेदते हुए लगभग 200 फीट (61 मीटर) गहराई तक चला जाता है। वहां जाकर इसके भीतर लगा फ्यूज डेटोनेट होता है और करीब 2400 किलोग्राम विस्फोटक के साथ धमाका होता है, जिससे कोई भी भूमिगत ठिकाना पूरी तरह तबाह हो जाता है।

क्यों खास है बंकर बस्टर?

‘बंकर बस्टर’ बम को खास बनाने वाली कई तकनीकी खूबियां हैं। यह बम बिना किसी इंजन के भी अत्यधिक घातक होता है। गुरुत्वाकर्षण बल और ऊंचाई के कारण यह जमीन की ओर बेहद तेज रफ्तार से गिरता है और भारी वजन के कारण इसमें जबरदस्त गतिज ऊर्जा (काइनेटिक एनर्जी) उत्पन्न होती है। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह सतह पर नहीं फटता, बल्कि जमीन में गहराई तक घुसकर अंदर विस्फोट करता है।

यह बम लगभग 200 फीट (60 मीटर) की गहराई तक घुस सकता है और फिर वहां पर 2400 किलोग्राम विस्फोटक से धमाका करता है, जिससे दुश्मन के किसी भी भूमिगत ठिकाने या परमाणु बंकर को पूरी तरह से नष्ट किया जा सकता है। इसमें सैटेलाइट गाइडेंस सिस्टम और दिशा नियंत्रक फिन्स लगे होते हैं, जो इसे हवा में उड़ते हुए सटीक लक्ष्य की ओर मोड़ते हैं। यही वजह है कि यह बम बेहद सटीक निशाना लगाने में सक्षम होता है और दुश्मन के अत्यधिक सुरक्षित व छिपे हुए ठिकानों को भी आसानी से भेद सकता है। यही विशेषताएं इसे आधुनिक युद्ध की रणनीति में एक निर्णायक हथियार बनाती हैं।

ईरान पर हुए हमले में अमेरिका ने 14 बंकर बस्टर बम और 30 टॉमहॉक मिसाइलों का इस्तेमाल किया। जानकारों के अनुसार, इस हमले में ईरान की परमाणु क्षमता को गहरा झटका लगा है। आने वाले समय में बंकर बस्टर जैसे हथियार आधुनिक युद्ध नीति का अहम हिस्सा बनने जा रहे हैं।

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