कोरोना महामारी पर इंसानियत भारी…जानिए क्या है इस खबर की कहानी?

कोरोना महामारी पर इंसानियत भारी…जानिए क्या है इस खबर की कहानी?
पटना। कोरोना की दूसरी लहर इतनी भयावह है कि लोग हर किसी को अब शक की नजर से देख रहे हैं। कोरोना काल में कब क्या हो जाय यह किसी को पता नहीं है। ऐसे समय में लोग एक दूसरे घर जाने से डरने लगे हैं और दूरी बना कर रह रहे हैं। ऐसा ही एक मामला बिहार की राजधानी पटना के पुनपुन में में देखने को मिला। एक घर में महिला का शव तीन दिन से पड़ा रहा। हालांकि, महिला अकेली रह रही थी, इसलिए किसी को कुछ पता नहीं चल पाया। तीन दिन बाद जब घर से जब बदबू आने लगी तो गांववालों को इस बारे में पता चला। गांव वालों ने महिला का अंतिम संस्कार किया। कोरोना के इस दौर में जब अपने अपनों से कन्नी  लगे हैं, ऐसे में गांव वालों ने कुछ परवाह किये बिना शव का अंतिम संस्कार किया।
घर से बाहर नहीं निकल रही थी महिला 
घटना पुनपुन प्रखंड की डुमरी पंचायत के कोइरी बिगहा गांव की है। गांव के अमरनाथ महतो उर्फ ओमप्रकाश महतो की कोई संतान नहीं है। वह कटक (ओडिशा) में एक निजी कंपनी में काम करते हैं। उनकी पत्नी घर पर अकेली रहती थीं। तीन दिन से महिला घर से नहीं निकल रही थी। लोगों को लगा कि कोरोना के डर से वह बाहर नहीं निकल रही है। शुक्रवार सुबह उनके घर के पास से कुछ लोग गुजर रहे थे तो दुर्गंध आई। इसके बाद गांव वालों ने घर के अंदर जाकर देखा तो महिला बिस्तर पर मृत पड़ी है। ग्रामीणों ने बताया कि शव को देखने से ऐसा लग रहा था कि उसकी मौत दो-तीन दिन पहले हुई  है। मौत कैसे हुई, फिलहाल यह पता नहीं चल सका था। इस बीच सूचना पाकर मौके पर पुलिस भी पहुंची। बाद में महिला के परिवार के अन्‍य सदस्‍य पहुंचे व ग्रामीणों के साथ मिल शव का अंतिम संस्‍कार कर दिया। पुलिस ने बताया कि इस संबंध में महिला के परिवार के किसी सदस्‍य ने कोई लिखित शिकायत नहीं की है। प्रथमदृष्‍टया ऐसा प्रतीत होता है कि उसकी स्‍वाभाविक मौत हुई है।
Exit mobile version