पीएम मोदी की अन्न योजना ( पीएमजीकेवाई) को अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने सराहना की है। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के एक नए पेपर में कहा गया है कि कोरोना महामारी के दौरान प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेवाई) ने गरीबी स्तर में बड़ी भूमिका निभाई है। आईएमएफ के के नए पेपर में पाया गया है कि 2019 में भारत में अत्यधिक गरीबी एक प्रतिशत से कम है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 2020 में भी यह स्थिति बरकरार रही ,यानी गरीबी के स्तर को बढ़ने से रोके रखा।
बता दें कि 2020 में पीएम मोदी ने कोरोना काल में इस योजना की घोषणा की थी। इस योजना के तहत कोरोना काल में गरीब लोगों को मुफ्त में अन्न का वितरण किया गया। इस योजना को पीएम मोदी ने 2022 तक बढ़ा दिया है। इस योजना के तहत प्रति व्यक्ति पांच किलो खाद्यान्न वितरित किया जा रहा है।
मालूम हो कि आईएमएफ की इस नई रिपोर्ट में पहली बार गरीबी और असमानता पर खाद्य सब्सिडी के प्रभाव को शामिल किया गया है। खाद्य सुरक्षा कोरोना काल या महामारी में यह सुनिश्चित करने में सहायक रहे कि गरीबी स्तर निम्न स्तर पर बना रहे। पेपर में कहा गया है कि दो सालों में गरीबी के निम्न स्तर को अत्यधिक गरीबी का उन्मूलन माना जा सकता है।
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