इमरान का क्रिकेट से राजनीति तक का सफर, जानिए क्या-क्या हुआ!

इमरान खान पाकिस्तान के सबसे सफल कप्तान रहे।

इमरान का क्रिकेट से राजनीति तक का सफर, जानिए क्या-क्या हुआ!

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को आज इस्लामाबाद हाई कोर्ट के बाहर गिरफ्तार किया गया। यह कार्रवाई पाकिस्तान रेंजर्स की ओर से की गई है। वहीं इमरान की पार्टी पीटीआई ने आरोप लगाया कि इमरान को पीटा जा रहा है। इसके साथ ही पार्टी ने खून से लटपथ इमरान के वकील का वीडियो भी पोस्ट किया है। वहीं आईजी अकबर खान ने कहा कि कादिर ट्रस्ट केस में इमरान को गिरफ्तार किया गया है। वहीं पीटीआई की आशंका के मद्देनजर धारा 144 लागू कर दी गई है और जो भी इसका उल्लंघन करेगा उसके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा।

क्रिकेट से नेता और फिर पीएम बनने तक का सफर बेहद ही दिलचस्प रहा। हालांकि इमरान की पहचान हमेशा से ही एक अच्छे कप्तान के रूप में रही। उनकी कप्तानी में पाकिस्तान ने विश्व कप चैंपियन बनाने का सपना पूरा किया। लेकिन राजनीति में आने के बाद वह लगातार विवादों में फँसते चले गए। और इन्हें विवादों के चलते इमरान खान सलाखों के पीछे पहुँच गए है। आइए जाने इमरान खान से जुड़ी कुछ महत्त्वपूर्ण किस्से-

5 अक्तूबर 1952 को लाहौर के एक रईस परिवार में जन्में इमरान ने 16 साल की उम्र में फर्स्ट क्लास क्रिकेट से करियर की शुरुआत की थी। उन्होंने 1971 में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट डेब्यू और 1974 में वनडे डेब्यू किया था। इमरान ने 25 मार्च, 1992 को आखिरी वनडे भी इंग्लैंड के खिलाफ ही खेला था। 1982 में पाकिस्तान के 13वें टेस्ट में इमरान कप्तान बने। इस दौरान उन्होंने कुल 48 टेस्ट मैचों में कप्तान की, जिनमें 14 जीते और 8 हारे। वहीं, वन-डे में उन्होंने 139 मैचों में कप्तानी की, जिनमें 75 जीते, 59 हारे। इमरान खान को वन-डे में पाकिस्तान के सबसे सफल कप्तान के रूप में माना जाता है। वन-डे और टेस्ट दोनों में उन्होंने 1982-1992 तक कप्तानी की भूमिका अदा की।

इमरान पाकिस्तान के इतिहास में इकलौते क्रिकेटर हैं, जिन्हें संन्यास लेने के बाद तत्कालीन राष्ट्रपति जिया उल हक के आग्रह पर वापसी करनी पड़ी थी। दरअसल, 1987 में उनकी कप्तानी में पाकिस्तान को क्रिकेट वर्ल्ड सेमीफाइनल में हार का सामना करना पड़ा था। इससे निराश इमरान ने संन्यास की घोषणा कर दी। हालांकि, जिया उल हक के आग्रह पर वह फिर से कप्तान बने और 1992 में पाकिस्तान को किक्रेट वर्ल्ड कप दिलाया।

80 के दशक में कई अंतरराष्ट्रीय कप्तान रहे, लेकिन क्रिकेट के मैदान पर इमरान की सबसे ज्यादा चर्चा रही। यहाँ तक की भारतीय दर्शक भी इमरान को काफी पसंद करते थे। वहीं टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर संजय मांजरेकर ने अपनी आत्मकथा ‘इमपरफेक्ट’ में लिखा था कि यदि इमरान खान उसके कप्तान होते, तो वह बेहतर क्रिकेटर होते। इमरान खान ने अपने खेल के दौरान कई युवा खिलाड़ी को निखारा, जिनमें वसीम अकरम और वकार यूनुस का नाम शामिल हैं।

क्रिकेट से 1992 में संन्यास लेने के बाद इमरान ने पाकिस्तान की राजनीति में कदम रखा था। बतौर राजनेता कभी उन्हें ज्यादा महत्त्व नहीं मिला, लेकिन 2018 में वह पाकिस्तान की सियासी कमान संभालने की कगार पर खड़े हो गए। वहीं 2018 में महिलाओं और युवाओं का एक बड़ा वर्ग उनका समर्थन करने लगा। जबकि 2018 के चुनाव प्रचार के दौरान इमरान खान पर अमर्यादित भाषा के प्रयोग का आरोप लगा और चुनाव आयोग ने उन्हें ऐसा नहीं करने की हिदायत तक दी।

1996 में तहरीक-ए-इंसाफ के गठन के बाद से इमरान पाकिस्तान की संसद के लिए निर्वाचित अपनी पार्टी के एकमात्र सदस्य रहे। 2002 में परवेश मुशर्रफ के सैन्य शासन के दौरान हुए आम चुनाव में पीटीआई ने पहली और एक मात्र सीट जीती। एक बार इमरान ने राष्ट्रपति मुशर्रफ को अमरीकी राष्ट्रपति का जूता चाटने वाला बताया था। इसके बाद उन्हें उनके घर में नजरबंद कर दिया गया था।

2007 में मुशर्रफ ने पाकिस्तान में आपातकाल घोषित कर दिया था। इसके बाद इमरान ने मुशर्रफ के लिए मृत्युदंड की मांग की थी। मुशर्रफ ने इसे देशद्रोह माना था। इमरान को फिर से नजरबंद करने को कहा गया, लेकिन इमरान वहां से फरार हो गए। आतंकवाद अधिनियम के तहत आरोप भी लगाए गए। इमरान को डेरी गाजी खान जेल में बंद भी कर दिया गया। 21 नवंबर को वह जेल से रिहा हुए। बाद में वह सरकार का विरोध करते हुए कई बार नजरबंद हुए। दुनियाभर में चंदा इकट्ठा कर इमरान खान ने 2008 में अपनी मां शौकत खानम के नाम पर एक कैंसर अस्पताल बनवाया।

इमरान खान ने तीन शादियाँ की थी। जिसमें इमरान ने 1995 में ब्रिटिश जेमिमा गोल्डस्मिथ से निकाह किया था। जेमिमा से इमरान के दो बेटे हैं। लेकिन नौ साल बाद जेमिमा और इमरान का 2004 में तलाक हो गया। इसके बाद 2014 में इमरान ने टीवी एंकर रेहम खान से दूसरी शादी की। दोनों की शादी सिर्फ 10 महीने चल पाई थी। इसके बाद इमरान खान ने फरवरी 2018 में बुशरा मानिका से निकाह किया था।

इमरान खान 2018 में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बने थे। वह पाकिस्तान के 22वें प्रधानमंत्री बने। 2018 को इमरान की पीटीआई पाकिस्तान की सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी। पाकिस्तान की संसद में 172 बहुमत का आंकड़ा होता है और संसद में हुई वोटिंग में इमरान को 176 वोट मिले थे। पाकिस्तान मुस्लिम लीग के अध्यक्ष शहबाज शरीफ को केवल 96 वोट मिले थे। इमरान के शपथ ग्रहण समारोह में भारत के क्रिकेटर से राजनेता बने नवजोत सिंह सिद्धू भी शामिल हुए थे।

अप्रैल 2022 में इमरान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था, लेकिन स्पीकर ने से खारिज कर दिया था। इसके बाद विपक्ष ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। इस मामले में सुनवाई के बाद कोर्ट ने इमरान खान को प्रधानमंत्री के पद से हटा दिया और पाकिस्तान में चुनाव कराने की बात कही। इमरान खान प्रधानमंत्री के पद से हटे तब उनके समर्थन में 142 विधायक थे, जबकि पाकिस्तान की संसद में बहुमत के लिए कम से कम 172 सदस्यों का समर्थन जरूरी होता है। पाकिस्तान की असेंबली में कुल 342 सदस्य हैं।

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