नई दिल्ली। इस्लामिक मुल्कों में किस कदर आतंक के जीते-जागते पुतले खड़े करने की फैक्ट्री है, इसका ज्वलंत उदाहरण सामने आया है। चलिए, 5 सितंबर को हुई घटना से ही शुरू करते हैं। इस्लामिक मुल्कों से उत्प्रेरित एक आतंकी ने न्यूजीलैंड के सुपरमार्केट में एक दुकानदार को चाकू मार दिया था, इस आतंकी की मां ने दावा किया है कि उसके बेटे को ऐसा सीरिया और इराक के आए पड़ोसियों ने बनाया था। अहमद शम्सुद्दीन नामक यह दुर्दांत आतंकी श्रीलंकाई तमिल मुस्लिम था। वह 10 साल पहले स्टूडेंट वीजा पर न्यूजीलैंड पहुंचा था और अपने देश में उत्पीड़न के कारण उसने वहां बतौर शरणार्थी रहने के लिए आवेदन किया हुआ था। बीते हफ्ते उसी शमसुद्दीन ने 5 लोगों की चाकू मारकर हत्या कर दी थी, जबकि दो अन्य घायल हो गए थे। बाद में पुलिस ने उसे मार गिराया था।
यूँ ब्रैनवॉशिंग
शम्सुद्दीन की मां मोहम्मद इस्माइल फरिथा का कहना है कि उनके बेटे में 2016 में यूनिवर्सिटी की इमारत से गिरने के बाद से आतंकवादी रवैया विकसित हुआ था, उसकी मां ने श्रीलंका में अपने घर से फोन पर एक स्थानीय चैनल को बताया, ‘ तब उसके साथ कोई नहीं था, केवल सीरिया और इराक के लोग ही थे वहां, जिन्होंने उसकी मदद की और उन्होंने इस दौरान उसका ब्रेनवॉश किया होगा। इसके बाद उसने फेसबुक पर पोस्ट करना शुरू कर दिया। विदेश जाते ही वह बदल गया था।
सीरिया जाते अरेस्ट
2016 से ही वह ऑनलाइन आतंकवाद का समर्थक होने के कारण पुलिस के राडार पर था। फिर अगले ही साल वह ऑकलैंड एयरपोर्ट पर गिरफ्तार कर लिया गया था। जांच अधिकारियों के मुताबिक वह संभवत: इस्लामिक स्टेट में शामिल होने के लिए सीरिया जा रहा था। बाद में उसे जमानत पर रिहा कर दिया गया था।