प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार (6 जून)को कजाकिस्तान, किर्गिज गणराज्य, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज्बेकिस्तान के विदेश मंत्रियों से मुलाकात की। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने भारत और मध्य एशियाई देशों के बीच गहरे ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों को रेखांकित करते हुए आपसी सहयोग को और मजबूत करने की बात कही।
प्रधानमंत्री मोदी ने बैठक के बाद एक्स (पूर्व ट्विटर) पर एक तस्वीर साझा करते हुए लिखा, “कजाकिस्तान, किर्गिज गणराज्य, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज्बेकिस्तान के विदेश मंत्रियों से मिलकर प्रसन्नता हुई। भारत मध्य एशिया के देशों के साथ अपने ऐतिहासिक संबंधों को गहराई से संजोता है।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि व्यापार, संपर्क, ऊर्जा, फिनटेक, खाद्य सुरक्षा और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में सहयोग को गहरा करने की दिशा में मिलकर काम करने की आवश्यकता है। साथ ही उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ सामूहिक लड़ाई में मजबूती से डटे रहने की प्रतिबद्धता भी दोहराई।
प्रधानमंत्री मोदी ने ज़ोर देते हुए कहा, “हम आतंकवाद के खिलाफ अपनी सामूहिक लड़ाई में दृढ़ हैं। एक मजबूत भारत-मध्य एशिया साझेदारी साझा क्षेत्रीय और वैश्विक चुनौतियों से निपटने में बल गुणक के रूप में कार्य करती है।” इससे पहले विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी इन देशों के मंत्रियों से मुलाकात की और भारत-मध्य एशिया संवाद की चौथी बैठक में सकारात्मक और उत्पादक चर्चाओं की जानकारी प्रधानमंत्री को दी गई।+
Delighted to meet with the Foreign Ministers of Kazakhstan, Kyrgyz Republic, Tajikistan, Turkmenistan and Uzbekistan. India deeply cherishes its historical ties with the countries of Central Asia. Look forward to working together to further deepen our cooperation in trade,… pic.twitter.com/UmzPnF3BI8
— Narendra Modi (@narendramodi) June 6, 2025
प्रधानमंत्री ने स्पष्ट किया कि मध्य एशियाई देशों के साथ संबंध भारत की विदेश नीति की हमेशा से प्रमुख प्राथमिकता रहे हैं। उन्होंने अपने दृष्टिकोण में आर्थिक जुड़ाव, संपर्क बढ़ाने, रक्षा और सुरक्षा सहयोग को उन्नत करने और फिनटेक, डिजिटल टेक्नोलॉजी, स्वास्थ्य व ऊर्जा जैसे उभरते क्षेत्रों में मजबूत साझेदारी की आवश्यकता पर बल दिया।
भारत-मध्य एशिया वार्ता का उद्देश्य न केवल द्विपक्षीय संबंधों को प्रगाढ़ करना है, बल्कि एक स्थिर, सुरक्षित और समृद्ध क्षेत्रीय ढांचा खड़ा करना भी है, जो वैश्विक चुनौतियों से मिलकर मुकाबला कर सके।
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