भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में चले सैन्य गतिरोध के चार वर्षों बाद रिश्तों में कुछ नरमी देखने को मिली है। इसी पृष्ठभूमि में भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सोमवार (14 जुलाई) को अपने चीनी समकक्ष वांग यी से मुलाकात कर बताया कि बीते नौ महीनों में दोनों देशों के संबंधों में “अच्छी प्रगति” हुई है, लेकिन सीमा पर तनाव को और कम करने की आवश्यकता है। इसके अलावा विदेश मंत्री ने मंगलवार (15 जुलाई) को चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से भी मुलाकात करने की जानकारी दी है।
यह मुलाकात शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के विदेश मंत्रियों की बैठक से ठीक पहले हुई, जो मंगलवार(15 जुलाई) को चीन के तियानजिन में आयोजित हो रही है। जयशंकर ने बातचीत में स्पष्ट रूप से कहा “मतभेदों को विवाद नहीं बनने देना चाहिए और प्रतिस्पर्धा को कभी भी संघर्ष का रूप नहीं लेना चाहिए।” यह जयशंकर की पहली चीन यात्रा है जब से सीमा पर यह सैन्य तनाव शुरू हुआ था।
जयशंकर ने वांग यी के साथ बातचीत में आतंकवाद को साझा चिंता बताया और कहा कि भारत को उम्मीद है कि SCO शिखर सम्मेलन में “आतंकवाद के लिए शून्य सहिष्णुता” की नीति को दृढ़ता से लागू किया जाएगा। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि “व्यापारिक प्रतिबंधों और अड़चनों से बचा जाना चाहिए”, ताकि दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंध सुगम हो सकें।
जयशंकर ने कहा, “हमारे द्विपक्षीय संबंधों के लिए दूरदर्शी दृष्टिकोण अपनाना जरूरी है। अक्टूबर 2024 में कज़ान में हमारे नेताओं की मुलाकात के बाद से भारत-चीन संबंध सकारात्मक दिशा में बढ़े हैं। अब हमारी ज़िम्मेदारी है कि इस गति को बनाए रखें।” गौरतलब है कि अक्टूबर 2024 में कज़ान (रूस) में आयोजित ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात एक महत्वपूर्ण बदलाव मानी गई थी। उसी समय 21 अक्टूबर को एक नई सीमा पेट्रोलिंग व्यवस्था की घोषणा भी की गई थी।
Held detailed talks with Politburo Member and FM Wang Yi in Beijing this evening.
Spoke about the need for a far-seeing approach to bilateral ties and building a stable & constructive relationship.
Incumbent on us to address aspects related to the border, normalizing… pic.twitter.com/8zBRBoaKQE
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) July 14, 2025
तब से लेकर अब तक भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल दो बार चीन की यात्रा कर चुके हैं। इसके अतिरिक्त रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने भी चीन में रणनीतिक वार्ताएं की हैं। जयशंकर ने कहा, “हाल के समय में हमने कई अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रमों के दौरान एक-दूसरे से संवाद किया है। अब हमें उम्मीद है कि यह संवाद नियमित रूप से एक-दूसरे के देशों में भी हो।”
इसी बीच विदेश मंत्री ने मंगलवार को चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की जानकारी एक्स के जरिए साझा की है। उन्होंने कहा, “आज सुबह बीजिंग में अपने साथी एससीओ विदेश मंत्रियों के साथ राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अभिवादन पहुँचाया। राष्ट्रपति शी को हमारे द्विपक्षीय संबंधों में हाल ही में हुई प्रगति से अवगत कराया। इस संबंध में हमारे नेताओं के मार्गदर्शन को महत्व देता हूँ।”
Called on President Xi Jinping this morning in Beijing along with my fellow SCO Foreign Ministers.
Conveyed the greetings of President Droupadi Murmu & Prime Minister @narendramodi.
Apprised President Xi of the recent development of our bilateral ties. Value the guidance of… pic.twitter.com/tNfmEzpJGl
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) July 15, 2025
भारत और चीन के बीच तनावपूर्ण दौर के बाद संबंधों में सकारात्मक संकेत दिख रहे हैं। जयशंकर की चीन यात्रा और SCO बैठक के माध्यम से यह स्पष्ट है कि राजनयिक और रणनीतिक स्तर पर दोनों देश अब संवाद की निरंतरता और स्थिरता की दिशा में बढ़ना चाहते हैं, ताकि सीमाओं पर स्थायी समाधान की दिशा में काम किया जा सके।
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