प्रधानमंत्री ने कहा, डब्ल्यूएचओ ने भी इस बात की सराहना की है कि इस बीमारी से निपटने के साथ-साथ भारत ने इसके मूल कारणों जैसे अस्वच्छा को भी दूर किया है। अब आपके मन में भी सवाल होगा कि ये बीमारी क्या है, कैसे फैलती है और भारत में इसका किस तरह से खतरा देखा गया? आइए इन सबके बारे में विस्तार से समझते हैं।
जैसा कि कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि ट्रेकोमा एक बैक्टीरियल संक्रमण है जो आपकी आंखों को प्रभावित करता है। यह क्लैमाइडिया ट्रैकोमैटिस नामक जीवाणु के कारण होता है। ट्रेकोमा संक्रामक है, जो संक्रमित व्यक्तियों की आंखों, पलकों और नाक या गले के स्राव के संपर्क में आने से दूसरों को हो सकता है। संक्रमित वस्तुओं, जैसे रूमाल, तैलिया आदि को छूने से भी इसके फैलने का खतरा रहता है।
सबसे पहले, ट्रेकोमा आपकी आंखों और पलकों में हल्की खुजली और जलन पैदा कर सकता है। समय के साथ संक्रमण बढ़ने पर इसके कारण आपको पलकों में सूजन और आंखों से मवाद निकलने की भी समस्या हो सकती है। अगर ट्रेकोमा का समय पर उपचार न किया जाए तो ये अंधेपन का भी कारण बन सकता है। पांच साल से कम उम्र के बच्चों में इसका खतरा और भी देखा जाता रहा है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं, कुछ लोगों में इस प्रकार के संक्रमण का खतरा अधिक देखा जाता रहा है। संक्रमितों के निकट संपर्क में रहने वाले लोगों में संक्रमण फैलने का अधिक जोखिम होता है।
अस्वच्छता इस संक्रमण का सबसे बड़ा कारण है, पानी की अपर्याप्त पहुंच और स्वच्छता की कमी, जैसे कि गंदे चेहरे या हाथ, बीमारी को फैलाने में मदद करते हैं।
महिलाओं में बीमारी के संक्रमण की दर पुरुषों की तुलना में दो से छह गुना अधिक देखी जाती है। मक्खियों से इस बीमारी के फैलने का खतरा अधिक रहता है, जिन इलाकों में गंदगी या मक्खियां ज्यादा होती हैं वहां संक्रमण का खतरा अधिक रहता है।
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