एयर इंडिया के विमान दुर्घटना को लेकर देशभर में उठते सवालों के बीच संसदीय परिवहन समिति ने बोइंग कंपनी के अधिकारियों और नागर विमानन सचिव को तलब किया है। यह समिति हाल ही में अहमदाबाद में हुई AI 171 दुर्घटना, जिसमें 275 यात्रियों की जान गई, की जांच के सिलसिले में यह कदम उठा रही है।
राज्यसभा सांसद और जेडीयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा की अध्यक्षता में समिति इस हादसे की विस्तृत जांच कर रही है। इसके साथ ही यह समिति डीजीसीए (नागर विमानन महानिदेशालय), एयर इंडिया और बोइंग के अधिकारियों से भी अलग-अलग बैठकें करेगी।
समिति का मुख्य उद्देश्य हवाई यात्रा में यात्री सुरक्षा को लेकर एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार करना है। इसी रिपोर्ट के तहत अहमदाबाद हादसे को प्रमुख उदाहरण के तौर पर शामिल किया जा रहा है। समिति यह पता लगाना चाहती है कि क्या इस विमान हादसे के पीछे तकनीकी खामी, मानव त्रुटि, या फिर नीतिगत लापरवाही जिम्मेदार रही।
गौरतलब है कि भारत सरकार ने संयुक्त राष्ट्र की अंतरराष्ट्रीय नागरिक विमानन संगठन (ICAO) को इस जांच में भाग लेने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है। ICAO ने भारत को जांच में मदद के लिए एक विशेषज्ञ देने की पेशकश की थी, लेकिन भारत ने इसे ठुकरा दिया। इससे पहले ICAO ने 2014 में मलेशियन विमान और 2020 में यूक्रेनी विमान के मामले में जांच में सहायता दी थी, लेकिन उन मामलों में संबंधित देशों ने स्वयं ICAO से मदद मांगी थी।
विमान हादसे के बाद ब्लैक बॉक्स (फ्लाइट रिकॉर्डर) का डेटा दो सप्ताह बाद निकाला गया। विमानन जगत में Annex 13 नामक प्रावधान के तहत हादसे के तुरंत बाद फ्लाइट रिकॉर्डर का डेटा निकालना अनिवार्य माना जाता है, ताकि भविष्य की त्रासदियों को टाला जा सके। विमान मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा है कि भारत सरकार ICAO के सभी प्रोटोकॉल का पालन कर रही है और समय-समय पर मीडिया को भी घटनाक्रम से अवगत कराया गया है।
एयर इंडिया के AI 171 हादसे को लेकर केंद्र सरकार और विमानन कंपनियों पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। ऐसे में संसदीय समिति की यह जांच न केवल सतही जिम्मेदारी तय करने के लिए, बल्कि भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं से बचाव के उपायों की दिशा में भी अहम साबित हो सकती है।
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