नई दिल्ली। दिल्ली के जामिया नगर से पकड़े गए संदिग्ध आतंकवादी ओसामा और प्रयागराज के करेली इलाके से गिरफ्तार उसके साथी जीशान को समुद्र के रास्ते ही मस्कट से पाकिस्तान पहुंचाया गया था। ज्ञात हो कि 10 पाकिस्तानी आतंकी 26 नवंबर, 2008 को कराची से मुंबई समुद्र के रास्ते ही पहुंचे थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी आतंकवाद और तश्करी के लिए समुद्री मार्ग के इस्तेमाल का मुद्दा विश्व पटल पर उठाते रहे हैं।
भारत एक प्रायद्वीपीय देश है। यह तीन तरफ से समुद्र से घिरा हुआ है- इसके पश्चिम में अरब सागर, दक्षिण में हिंद महासागर और पूर्व में बंगाल की खाड़ी है। कराची शहर मुंबई से अरब सागर के रास्ते ही जुड़ता है। कराची से मुंबई के समुद्री रास्ते की दूरी 506 नॉटिकल मील यानी 937 किलो मीटर है। आम तौर पर यह दूरी तय करने में 24 घंटे का वक्त लग जाता है।
इसी रूट पर गुजरात के कच्छ और जामनगर का इलाका पड़ता है। कच्छ की खाड़ी में कांडला एक मुख्य बंदरगाह है, जहां से अंतरराष्ट्रीय व्यापार होता है। भारत की समुद्री सीमा मालदीव, श्रीलंका, बांग्लादेश, म्यांमार, थाईलैंड और इंडोनेशिया जैसे देशों से भी मिलती है। चूंकि अपनी समुद्री सीमा में किसी के प्रवेश पर पाबंदी लगाने के लिए दीवार जैसी कोई स्थायी ढांचा तैयार नहीं किया जा सकता है, इस कारण आतंकियों के घुसपैठ का तुलनात्मक तौर पर सुगम रास्ता बन जाता है।
पीएम मोदी ने पिछले महीने की 9 तारीख को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) को संबोधित करने के दौरान भी इस गंभीर समस्या की चर्चा की। उन्होंने समुद्री अपराधों और उसके दुनियाभर के देशों के सामने पैदा हुए खतरों को लेकर चेतावनी दी। पीएम ने कहा, ‘समुद्र हमारे साझे धरोहर हैं और हमारे समुद्री मार्ग अंतरराष्ट्रीय व्यापार की जीवनरेखा हैं। हमारी धरती के भविष्य के लिए ये समुद्र काफी महत्वपूर्ण हैं। हमारे ये साझे धरोहर कई तरह की चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। समुद्री मार्गों का डकैती और आतंकवाद के लिए दुरुपयोग हो रहा है।’
पाकिस्तान ने 10 आतंकवादियों के गुट को अरब सागर के समुद्री मार्ग से ही मुंबई भेजा था जिन्होंने 26/11 के खौफनाक वारदात को अंजाम दिया था। ताज होटल, ट्राइडेंट होटल, छत्रपति शिवाजी टर्मिनल,रेलवे स्टेशन, मैडम कामा अस्पताल में उन आतंकियों ने गोलियों की अंधाधुंध बरसात कर दी थी जिनमें कुल 169 लोगों ने जान गंवा दी थी जबकि करीब 300 लोग जख्मी हो गए थे।