म्यांमार और थाईलैंड में आए विनाशकारी भूकंप के बाद भारत ने मानवीय सहायता के तहत 15 टन से अधिक राहत सामग्री भेजी है। भारतीय वायुसेना का सी-130जे विमान यह सामग्री लेकर हिंडन वायुसेना स्टेशन से म्यांमार के यांगून पहुंचा।
भूकंप से म्यांमार में 150 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और सैकड़ों घायल हुए हैं। इस आपदा में प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने के लिए भारत ने टेंट, स्लीपिंग बैग, कंबल, तैयार भोजन, पानी शुद्धिकरण उपकरण, स्वच्छता किट, सौर लैंप, जनरेटर सेट और आवश्यक दवाएं भेजी हैं, जिनमें पैरासिटामोल, एंटीबायोटिक्स, सिरिंज, दस्ताने और पट्टियां शामिल हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने म्यांमार और थाईलैंड में आए भूकंप पर चिंता जताते हुए कहा कि भारत हरसंभव सहायता देने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा, “हम म्यांमार और थाईलैंड के लोगों के साथ खड़े हैं और इस संकट की घड़ी में उनकी हरसंभव मदद करेंगे।”
भारतीय दूतावास के अनुसार, अब तक किसी भी भारतीय नागरिक के हताहत होने की सूचना नहीं है। भारतीय दूतावास स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए है और थाई अधिकारियों के संपर्क में है। थाईलैंड में रह रहे भारतीय नागरिकों को किसी भी आपात स्थिति में +66 618819218 नंबर पर संपर्क करने की सलाह दी गई है।
भूकंप के झटकों से बैंकॉक और थाईलैंड के कई हिस्सों में भी दहशत फैल गई। स्थानीय मीडिया और प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, “बैंकॉक में कई इमारतें हिल गईं और सैकड़ों लोग घबराकर बाहर आ गए।”
भारत ने इस सहायता के जरिए एक बार फिर संकटग्रस्त देशों की मदद करने की अपनी प्रतिबद्धता को दर्शाया है। यह दिखाता है कि भारत ‘फर्स्ट रिस्पॉन्डर’ के रूप में हमेशा अपने पड़ोसी देशों की सहायता के लिए तत्पर है।
बता दें की म्यांमार में शुक्रवार (28 मार्च) को 7.7 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आया, जिससे बड़े पैमाने पर जान-माल का नुकसान हुआ। अब तक 150 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और सैकड़ों लोग घायल हुए हैं। भूकंप के झटकों ने म्यांमार के अलावा थाईलैंड, भारत और बांग्लादेश में भी हलचल मचाई। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसार, भूकंप के बाद लगातार झटके महसूस किए जा रहे हैं, जिससे क्षेत्र में भय का माहौल बना हुआ है।
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