भारत द्वारा सर क्रीक क्षेत्र में बड़े पैमाने पर चलाए जा रहे त्रि-सेवा सैन्य अभ्यास ‘त्रिशूल’ के बीच पाकिस्तान ने शनिवार(2 नवंबर) से 5 नवंबर के बीच उसी इलाके में नौसैनिक नेविगेशनल वार्निंग जारी की है। इस कदम को सामरिक स्तर पर भारत की गतिविधियों की नज़दीकी निगरानी के रूप में देखा जा रहा है। यह जानकारी ओपन-सोर्स इंटेलिजेंस (OSINT) विश्लेषक डेमियन सायमोन ने साझा की।
पाकिस्तान का यह कदम उस समय आया है जब उसने हाल ही में Notice to Airmen (NOTAM) जारी कर 28 से 29 अक्टूबर के बीच अपने मध्य और दक्षिणी हवाई मार्गों को अस्थायी रूप से बंद किया था। हालांकि उस समय कोई आधिकारिक कारण नहीं बताया गया था, लेकिन रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यह भारत के बड़े पैमाने के युद्धाभ्यास के समानांतर कोई सैन्य अभ्यास या हथियार परीक्षण हो सकता है।
भारत का अभ्यास त्रिशूल 30 अक्टूबर से 10 नवंबर तक आयोजित किया जा रहा है, जो सर क्रीक और सौराष्ट्र तट के आसपास के इलाकों में केंद्रित है। रक्षा मंत्रालय ने इसे हाल के वर्षों में देश का सबसे बड़ा संयुक्त सैन्य अभ्यास बताया है, जिसका उद्देश्य त्रि-सेवा समन्वय, आत्मनिर्भरता और तकनीकी नवाचार का प्रदर्शन करना है।
Pakistan now issues a naval navigational warning for a firing exercise in the same area India has an airspace reservation for its ongoing tri-services military drills
02-05 November 2025 pic.twitter.com/Gz7d3Q4igK
— Damien Symon (@detresfa_) November 1, 2025
उपग्रह चित्रों के अनुसार, भारत ने इस अभ्यास के लिए 28,000 फीट तक के हवाई क्षेत्र को आरक्षित किया है, जो इसके पैमाने को दर्शाता है। मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि इस अभ्यास में समुद्री उभयचर अभियानों, मरुस्थलीय और क्रीक क्षेत्रों में आक्रामक युद्धाभ्यास, तथा वायु, थल और नौसेना की संयुक्त कार्रवाइयों का अभ्यास किया जा रहा है। “दक्षिणी कमान की टुकड़ियां इन अभियानों में सक्रिय रूप से भाग ले रही हैं, ताकि विविध इलाकों में संयुक्त अभियान क्षमता का परीक्षण किया जा सके।” रक्षा मंत्रालय ने कहा।
पाकिस्तान की नौसेना की चेतावनी और हालिया हवाई प्रतिबंध को भारत की सीमाई गतिविधियों के जवाब में देखा जा रहा है। दोनों देशों के बीच इस तरह के सिग्नलिंग मूव्स पहले भी देखे जा चुके हैं। खासकर ऑपरेशन सिंदूर के बाद, जब भारत ने पहलगाम हमले के जवाब में आतंक ठिकानों और सैन्य प्रतिष्ठानों पर संयुक्त कार्रवाई की थी तब से दोनों देश समय-समय पर NOTAMs और सैन्य अभ्यासों की घोषणाएं करते रहे हैं।
रक्षा विश्लेषकों का कहना है कि इस बार भी यह कदम किसी तत्काल टकराव का संकेत नहीं, बल्कि नियंत्रित शक्ति प्रदर्शन है। “दोनों देश अपनी तत्परता और सामरिक उपस्थिति का संकेत दे रहे हैं,” एक क्षेत्रीय सैन्य विशेषज्ञ ने कहा। “हालांकि, जब दोनों पक्ष एक ही क्षेत्र में सक्रिय रहते हैं, तो किसी भी गतिविधि की गलत व्याख्या का जोखिम हमेशा बना रहता है।”
भारत का ‘त्रिशूल’ अभ्यास जहां सामरिक सहयोग और आधुनिक युद्धक क्षमता को परखने का प्रयास है, वहीं पाकिस्तान की चेतावनी इस बात का संकेत है कि दक्षिण एशिया का यह समुद्री और सीमाई इलाका आने वाले दिनों में रणनीतिक गतिविधियों का केंद्र बना रहेगा।
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