केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत इस साल 800 अरब डॉलर से अधिक का निर्यात करने की राह पर है, जिसमें सेवा क्षेत्र की बड़ी हिस्सेदारी होगी। उन्होंने भरोसा दिलाया कि सरकार निर्यातकों का भविष्य सुरक्षित करने और देश के हितों की रक्षा के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है।
निर्यातकों को सरकार का आश्वासन:
एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (EPC) और उद्योग संघों को संबोधित करते हुए, गोयल ने निर्यातकों के सकारात्मक दृष्टिकोण की सराहना की और कहा कि वैश्विक संकट को अवसर में बदलने की सोच जरूरी है। अमेरिका को लेकर उद्योग जगत की चिंताओं पर उन्होंने कहा कि EPC को अपनी ताकत पर विचार करना चाहिए और सरकार के साथ मिलकर अमेरिका के साथ बेहतर व्यापारिक संबंध बनाने की रणनीति पर काम करना चाहिए।
द्विपक्षीय व्यापार समझौते अंतिम चरण में:
गोयल ने बताया कि सरकार कई द्विपक्षीय समझौतों (FTA) को अंतिम रूप देने के करीब है, जिससे भारतीय निर्यातकों को बेहतर व्यापारिक अवसर और अधिक विदेशी निवेश मिलेगा। उन्होंने कहा कि व्यापारिक समझौतों में भारत के निर्यातकों के सर्वोत्तम हितों को प्राथमिकता दी जा रही है।
संरक्षणवादी मानसिकता से बाहर आने की जरूरत:
पारस्परिक टैरिफ पर चर्चा करते हुए गोयल ने कहा कि EPC को संरक्षणवादी सोच से बाहर आकर साहसिक कदम उठाने की जरूरत है। उन्होंने भारतीय उद्योगों से दुनिया के साथ आत्मविश्वास से व्यापार करने का आह्वान किया और कहा कि भारत की ताकत को पहचानते हुए वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार रहना चाहिए।
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