2025 के गणतंत्र दिवस में इंडोनिशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांटो अतिथी के रूप में भारत आसकते है। हालांकि भारत सरकार की तरफ से इसकी आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकीन इस संदर्भ में जकार्ता से वार्ता जारी है। दौरान राष्ट्रपति सुबियांटो के भारत दौरे के बाद 3 दिवसीय पाकिस्तान दौरे की बातें काफी सुर्खियां बटोर रहीं थी, जिसमें जकार्ता की तरफ से बदलाव किया गया है।
दरअसल इंडोनिशिया के साथ द्विपक्षीय संबंधों को और भी मजबूत करने, टेक्नोलॉजी, संस्कृति और रक्षा के साथ कृषि क्षेत्र में आपसी सहयोग को लेकर प्रबोवो सुबियांटो से बात हो सकती है। इसी बीच रक्षा क्षेत्र में बड़े सौदे होने की संभावनाएं भी जताई जा रही है। वहीं पाकिस्तान और भारत इन दोनों देशो से संबंधों को संतुलित बनाए रखने के लिए भारत के बाद पाकिस्तान के दौरे की योजना बनाई थी, जिसपर भारत की ओर से दबी आवाज में नाराजगी जताई जा रही थी। कहा गया गणतंत्र दिवस का न्योता इंडोनिशया के साथ खास संबंधो को बढ़ावा देने के उपलक्ष्य में दिया गया है और किसी और देश के साथ उसे साझा करना गलत छवि पेश करता है। वहीं इंडोनिशया के राष्ट्रपति ने पाकिस्तान दौरे को रद्द करते हुए भारत के बाद सीधे मलेशिया जाने की योजना की है।
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प्रबोवो सुबियांटो का भारत दौरा महत्वपूर्ण:
- गणतंत्र दिवस पर के अतिथी के तौर राष्ट्रपति प्रबोवो को न्योता देने का सबसे महत्वपूर्ण कारण ब्रम्होस डील को माना जा रहा है। रक्षा ऋण के क्रम में भारत की ओर से इंडोनिशया को 450 मिलीयन अमेरिकी डॉलर्स कीमत के ब्रम्होस दिए जा सकते है। दोनों देशों की ओर से यह समझौता अंतिम चरण में है।
- इंडोनिशया दस आसियान देशों में एक महत्वपूर्ण देश है। वहीं चीनी समुद्र में अपनी शक्ती को बढ़ाने के लिए इन देशों की सहायता ली जा सकती है, साथी आसियान देशों के साथ खुला व्यापार करना भारत के लिए बड़ी उपलब्धी हो सकती है।
- भारत की सेना काफी समय से इंडोनिशया के सबांग बंदरगाह पर नजरे जमाए हुए है। इस बंदरगाह पर भारती सेना की कुछ यूनिट्स मौजूद होती रहती है। वहीं भारत चाबहर की तरह इसे भी विकसित करने को लेकर सकारात्मक है। इंडोनिशया के सबांग बंदरगाह का नियंत्रण मिलने से चीन का प्रतिरोध करना आसान होगा।